
संवाददाता
कानपुर। बिधनू थानाक्षेत्र के कठारा गांव में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, सुलगती बीड़ी से लगी आग में चलने–फिरने में असमर्थ बुजुर्ग ने झुलस कर दम तोड़ दिया। बुजुर्ग बिस्तर पर जलते हुए चीखते रहे, बाहर ग्रामीण आग बुझाने का प्रयास करते रहे। आग की विकराल लपटों के सामने ग्रामीण घर के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सके। करीब एक घंटे बाद आग बुझाकर ग्रामीण घर के अंदर पहुंचे तो बुजुर्ग का शव बिस्तर पर पड़ा मिला। जानकारी पर बिधनू पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
कठारा गांव निवासी अरविंद ने बताया कि उनके पिता गंगाप्रसाद किसान थे। वह बीते एक साल से सांस व घुटनों की बीमारी से परेशान थे, जिस कारण वो चलने–फिरने में असमर्थ थे। अरविंद के मुताबिक वह पांच भाई सुरेंद्र, वीरेंद्र, सत्येंद्र व रवि है। सब भाई अपने–अपने परिवार के साथ घर से कुछ दूरी पर रहते हैं।
अरविंद ने बताया कि मां शिवरानी की 10 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी, जिसके बाद पिता अकेले रहते थे। उनकी देखरेख के लिए सभी भाई घर जाया करते थे। पिता बीड़ी पीते थे, देर रात बीड़ी पीने के बाद वह सो गए। जिसके बाद सुलगती बीड़ी से बिस्तर ने आग पकड़ ली। कुछ देर बाद लपटों ने विकराल रूप धारण कर लिया। पिता बिस्तर पर छटपटाते रहे, आग की ऊंची लपटें उठती देख पड़ोसी मुंशीलाल ने अरविंद को सूचना दी।
आग की लपटें उठती देख कोई भी घर के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा सुका। करीब एक घंटे बाद ग्रामीण आग बुझाकर अंदर पहुंचे तो चारपाई पर गंगा प्रसाद का जला हुआ शव पड़ा हुआ था। हादसे की जानकारी पर बिधनू पुलिस व फॉरेंसिक टीम जांच पड़ताल करने के लिए पहुंची। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।