December 7, 2025

आज़ाद संवाददाता

कानपुर। जेल से मर्डर के आरोपी बंदी अशरूद्दीन के भागने के बाद जांच करने पहुंचे डीआईजी जेल की जांच में जेल सुरक्षा में भारी खामियां सामने आई हैं। आखिर एक बंदी जेल की दीवार फांदकर भाग निकला और किसी को भनक तक नहीं लगी।

डीआईजी जेल प्रदीप गुप्ता की जांच में कदम-कदम पर सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। हाई सिक्योरिटी जेल होने के बाद भी खामियां मिलने पर एक बार फिर से सुरक्षा की समीक्षा होगी और अब कड़ी सुरक्षा के इंतजाम करने का निर्देश दिया है। जल्द ही डीआईजी अपनी रिपोर्ट बनाकर डीजी जेल और शासन को देंगे।
कानपुर की जिला जेल में अपने ही दोस्त की हत्या करने के मामले में जाजमऊ तिवारीपुर निवासी आरोपी असरूद्दीन बंद था। वह मूलरूप से असम का रहने वाला है। 8 जनवरी, 2024 को पत्नी से अवैध संबंधों के शक में अपने दोस्त 24 साल के इस्माइल का मर्डर कर दिया था।
8 अगस्त 2025 की रात असरूद्दीन जेल की गिनती में गायब मिला। जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि बंदी जेल की दीवार फांदकर जेल के दफ्तर के ऊपर से ही होते हुए गंगा की तरफ दीवार कूदकर भाग निकला है। मामले की जांच डीआईजी जेल प्रदीप गुप्ता को दी गई थी। डीआईजी जेल शनिवार को कानपुर जेल में जांच करने पहुंचे थे।
उन्होंने अशरुद्दीन के साथ बैरक में बंद बंदियों से बात की तो सामने आया कि वह अक्सर शांत रहता था। सीसीटीवी फुटेज में उसकी गतिविधियां संदिग्ध दिखी थीं। इससे इस बात की संभावना जतायी जा रही है कि वह पिछले कई दिनों से भागने की योजना बना रहा था।
इसके लिए लगातार वह मुफीद स्थान और समय चुनने के लिए रेकी कर रहा था। एक दर्जन बंदियों के बयान दर्ज करने के बाद डीआईजी जेल ने जेल अधीक्षक डॉ. बीडी पांडेय, निलंबित जेलर मनीष कुमार, डिप्टी जेलर रंजीत यादव, हेडवार्डन नवीन मिश्रा और दिलशाद खां समेत अन्य कर्मियों के बयान दर्ज किया।
इस दौरान पूरी जेल का निरीक्षण किया गया और जहां से अशरूद्दीन फरार हुआ था, वहां दीवार की ऊंचाई बढ़ाने के निर्देश उन्होंने दिए हैं। इसके साथ ही जेल की सिक्योरिटी को और बढ़ाने का आदेश दिया है। डीआईजी ने उसके परिजनों से भी बात की और वहां पर भी निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही एक टीम को उसके पैतृक आवास असोम भेजा गया है।
जेल अधीक्षक बीडी पांडेय की मानें तो अशरूद्दीन से पिछले तीन महीने से कोई मिलने नहीं आया था। 29 जुलाई को उसकी पेशी हुई थी, जबकि 12 अगस्त को अगली पेशी होनी थी। जेल में अक्सर वह शांत रहता था, लेकिन उसकी प्लानिंग को कोई भांप नहीं सका और वह जेल के ब्लैक स्पॉट का फायदा उठाकर भाग निकला।

उसका बर्ताव साथी बंदियों से दूरी बनाए रखने की एक वजह यह भी हाे सकती है कि उसके ऊपर किसी का ध्यान नहीं जाए। और वह मौके का फायदा उठाकर जेल से भाग निकला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *