August 1, 2025

संवाददाता

कानपुर। रविवार को सुहागिन महिलाओं ने हरियाली तीज का पूजन कर अपने पति की दी‍र्घायु की मंगल कामना की। भगवान गौरी-शंकर की आराधना का महापर्व, अखंड सौभाग्य व सुहाग के प्रतीक आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम के उत्सव के रूप में मनाया गया। 

सुहागिन महिलाओं ने हरियाली तीज के अवसर पर पूजा-अर्चना कर अपने घर में वरिष्ठ जनों को श्रृंगार व भोजन सामग्री के साथ दान किया। इसके साथ ही मिट्टी से बने शिव परिवार का पूजन किया। सुहागिनों ने उपवास रखकर आशीर्वाद लिया। 

शुक्ल पक्ष की तृतीया यानी रविवार को पति के अखंड सौभाग्य और सर्वमंगल की कामना से सुहागिनों ने तीज का व्रत रखा। दिन भर के व्रत के बावजूद साजन के रंग में रंगी सुहागिनों के चेहरे उत्साह और उल्लास में दमकते रहे। घरों में अकेले या सामूहिक रूप से पूजन किया गया। पूजन के बाद बायना निकालकर महिलाओं ने दिन में सावन और तीज गीत गाकर झूला झूलकर आनंद लिया। इससे पहले शनिवार को महिलाओं ने श्रृंगार और पूजन के सामान की खरीदारी की तो हाथों में मेहंदी और पैरों में महावर लगाई। साथ ही अन्य श्रंगार सामग्रियों का प्रयोग कर तीज से पूर्व श्रंगार किया। तीज पर भी महिलाओं ने आभूषणों के साथ नए वस्त्र पहने और श्रंगार करके पूजन किया। हाथों में मेहंदी रचाए महिलाओं ने झूले झूलकर तीज के त्योहार का आनंद लिया। सुहागिनों ने पति की दीर्घायु की कामना के लिए पूरे दिन का उपवास रखा।