
संवाददाता
कानपुर। किदवई नगर पुलिस ने कैश जमा और निकासी मशीन से पलक झपकते ही करोड़ों रुपए उड़ाने वाले गैंग को 20 घंटे की रिमांड पर लेने के बाद बड़ा खुलासा किया है। पांचों शातिरों के पास से पुलिस ने 11.80 लाख रुपए और 4.5 ग्राम सोना बरामद किया है। इसके साथ ही सीआरएम मशीन से रुपए उड़ाने का ट्रायल भी कराया। शातिरों ने पलक झपकते ही मशीन खोलकर कैश उड़ा दिया। पुलिस और बैंक कर्मी भी यह देखकर दंग रह गए। इसके बाद पुलिस ने पांचों शातिरों को जेल भेज दिया। इसमें एक कंपनी का भी कर्मचारी शामिल था, इस वजह से उसे सीआरएम मशीन खोलने में एक्सपर्ट है।
डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि सीआरएम मशीन में छेड़छाड़ करके 1 करोड़ 38 लाख उड़ाने वाले पांच आरोपियों को कोर्ट से 20 घंटे की रिमांड पर लिया था। शनिवार सुबह 10 बजे से रविवार शाम 6 बजे तक की रिमांड थी।
पूछताछ के दौरान पांचों आरोपियों देवकी नगर यशोदा नगर नौबस्ता निवासी विपिन दीक्षित उर्फ लल्ला, सीओडी कॉलोनी चकेरी निवासी सुधांशु जैसवार उर्फ अमन, बिठूर निवासी दीपक जायसवाल, दो सगे भाई स्वर्ण जयंती विहार थाना सेन पश्चिम पारा निवासी अंकित त्रिपाठी उर्फ गोलू और आशीष त्रिपाठी को पूछताछ के बाद रविवार दोपहर को जेल में दाखिल कर दिया। पुलिस ने इन पांचों के पास से 11.80 लाख रुपए कैश और 4.5 ग्राम सोने के जेवरात बरामद किया। अब तक पुलिस मामले में 38 लाख की बरामदगी कर चुकी है।
डीसीपी साउथ ने बताया कि रिमांड के दौरान शातिरों से कई अहम जानकारी सामने आई है। शातिरों ने सिर्फ कानपुर ही नहीं, दिल्ली, मुंबई और उत्तर प्रदेश के कई जिलों से बैंकों को अब तक 15 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया है। शातिर सीआरएम मशीन का पलक झपकते ही कैश बॉक्स खोलकर रकम उड़ा देते थे। रिमांड के दौरान शातिरों से सीआरएम मशीन खुलवाकर ट्रायल लिया गया तो बैंक, एजेंसी और पुलिस के अफसर दंग रह गए। जेल भेजे गए अंकित और आशीष सगे भाई हैं। इसके अलावा पांचों में गहरी दोस्ती है। दीपक जायसवाल के मशीन खोलने में एक्सपर्ट होने का फायदा उठाते हुए पूरा प्लान अंकित ने तैयार किया और फिर पांचों ने घूम-घूम कर देश भर में सीआरएम मशीनों से कैश उड़ाना शुरू कर दिया था। उन्होंने मशीनों से रकम तो उड़ाई लेकिन बैंक और एजेंसी को भनक तक नहीं लगी कि कैश गया कहां। अब पकड़े जाने पर अन्य मामलों का भी खुलासा हुआ है।
किदवई नगर सीआरएम मीशन से 1 करोड़ 38 लाख की बड़ी रकम उड़ाई गई थी। अगले दिन भारी मात्रा में कैश गायब होने पर बैंक और एजेंसी ने जांच शुरू की तब सीसीटीवी फुटेज से सामने आया कि शातिरों ने पहले कैश जमा किया। इसकी एंट्री उनके खाते में हो गई फिर इसके बाद उसमें पहले से पड़ा हुआ और अपना पूरा कैश उड़ा दिया।
डीसीपी साउथ ने बताया कि 16 जून 2025 को हिटाची पेमेंट सर्विसेज में फ्रॉड एंड रिस्क यूनिट के अफसर घनश्याम ओमर ने किदवई नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि कंपनी की ओर से लगाई गई जी-ब्लाक किदवई नगर स्थित बैंक आफ बड़ौदा की सीआरएम मशीन से शातिरों ने 21 मार्च 2025 से 24 अप्रैल 2025 तक 1 करोड़ 38 लाख रुपए उड़ा दिया था। कंपनी ने जब इसकी जांच की तो सामने आया कि कुछ व्यक्तियों ने सीआरएम मशीन के जरिए अपने बैंक अकाउंट में रुपए जमा किया, लेकिन कुछ ही देर में मशीन से छेड़खानी करके सारी रकम को निकाल लिया।
पुलिस ने जांच की तब सामने आया कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा युवक बिठूर निवासी मदनलाल का बेटा दीपक जायसवाल है। दीपक हिटाची पेमेंट सर्विसेज कंपनी में ही कस्टोडियन था और उसे मशीन खोलने की पूरी जानकारी थी।
पुलिस ने खुलासा करते हुए एक महीने पहले ही देवकी नगर यशोदा नगर नौबस्ता निवासी विपिन दीक्षित उर्फ लल्ला, सीओडी कॉलोनी चकेरी निवासी सुधांशु जैसवार उर्फ अमन, बिठूर निवासी दीपक जायवाल को अरेस्ट करके जेल भेजा था। जबकि गैंग में शामिल सगे भाई स्वर्ण जयंती विहार थाना सेन पश्चिम पारा निवासी अंकित त्रिपाठी उर्फ गोलू और आशीष त्रिपाठी आर्म्स एक्ट से बांदा में जेल चले गए थे। पुलिस ने ठगी के इस मामले में भी दोनों को बांदा जेल से रिमांड पर लिया था।