संवाददाता
कानपुर। विकास खंड सरसौल क्षेत्र में समय से खाद न मिलने से किसान परेशान हैं। धान की बुवाई का समय चल रहा है, लेकिन सोसाइटियों और समितियों में खाद उपलब्ध नहीं है।
ग्रामीणों का आरोप है कि समितियों में खाद आने पर संचालक उसे ब्लैक में बेच देते हैं। इससे किसानों को निजी दुकानों से महंगे दामों पर खाद खरीदनी पड़ रही है।
फुफुवार सुई थोक निवासी किसान ने बताया कि यूरिया खाद की सरकारी कीमत लगभग 265 रुपए है। लेकिन निजी दुकानदार इसे 320 रुपए में बेच रहे हैं। इसी तरह डीएपी खाद की सरकारी कीमत 1360 रुपए है। मगर दुकानों में यह 1600 से 1700 रुपए तक बिक रही है। इससे किसानों की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है।
किसानों का कहना है कि ब्लैक में खाद खरीदना अब आदत सी हो गई है। चाहे गेहूं की बुवाई हो या धान की। खाद की भरपाई नहीं हो पाती। खाद हमेशा निजी दुकानों से ही महंगे दामों पर खरीदनी पड़ती है।
बांबी निवासी राहुल कुमार ने बताया कि वे सहकारी समिति से खाद लेने जाते हैं। दिनभर धूप में खड़े रहने के बाद शाम को बता दिया जाता है कि खाद नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भी वह सहकारी समिति से खाद लेने गए, उन्हें खाद नहीं मिली।
संबंधित अधिकारियों का कहना है कि खाद का स्टॉक उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इस तरह के मामले उनके संज्ञान में नहीं हैं। मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।