July 10, 2025

—12 साल बाद भी 840 पात्र लोगों को आवास नहीं मिल सके।

संवाददाता 

कानपुर।  घाटमपुर स्थित आसरा आवास योजना के लिए हो रहे कार्य में अधिकारियों और कर्मचारियों की हीलाहवाली पर जिलाधिकारी जितेन्द्र प्रताप सिंह ने कडी नाराजगी जताते हुए जांच के निर्देश दे दिए है। 

शनिवार को डीएम जितेन्द्र प्रताप सिंह ने जब आसरा आवास योजना में नगर पालिका घाटमपुर के अफसरों की लापरवाही देखी, तो उनका पारा चढ़ गया।  शनिवार को वह अपने दलबल  के साथ आसरा आवास योजना के कार्यो का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो कार्य में बरती जा रही शिथिलता पर नाराजगी व्यक्त की।  नगर पालिका के मौजूद अफसरों ने डीएम को बताया कि 1.5 करोड़ रुपये का बजट न मिलने से योजना जमीन पर नहीं आ सकी। वहीं, हैरानी की बात ये भी है कि योजना के तहत 35 करोड़ रुपये शासन से जारी किए गए थे। निरीक्षण में जो हकीकत डीएम कानपुर को पता लगी उससे वह अचंभित रह गए। 

वर्ष 2013 में सीएंडडीएस संस्था की ओर से इस योजना के तहत आवास बनाने शुरू किए गए थे। 12 साल बाद भी 840 पात्र लोगों को आवास नहीं मिल सके हैं। सीएम योगी के सामने भले ही नगर पालिका घाटमपुर के अफसरों ने कागजी आंकड़े प्रस्तुत कर आसरा आवास योजना में सारे काम पूरे होने का दावा किया हो लेकिन, जमीनी हकीकत में यह योजना कानपुर में दम तोड़ते दिखायी दे रही है। 

सितंबर 2024 में नगर पालिका के अफसरों ने 784 पात्रों के लिए लॉटरी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन अभी बिजली व अन्य कामों के न होने की वजह से आवास आवंटित नहीं हो सके। डीएम ने मौजूद अफसरों से कहा कि हर हाल में जुलाई के अंत तक 784 लोगों को आवास आवंटित करवा दिए जाएं। मौके पर ही उन्होंने सीडीओ को आदेश दिए और इस योजना से जुड़े सभी अफसरों की जांच के लिए कमेटी गठित करने को कहा है। डीएम ने कहा, अफसरों ने अगर जरा सी फिक्र की होती तो समय से जरूरतमंदों को आवास मिल सकते थे।