
संवाददाता
कानपुर। विद्यासागर जैन मुनि के जीवन पर शोध करना देश और समाज को नई दिशा प्रदान करेगा। ये कहना है विद्यासागर मुनि के दीक्षा समारोह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सारस्वत सुमित कुमार जैन शास्त्री का । उन्होंने कहा कि ऐसा करने से सम्पूर्ण समाज चिरकाल तक उनके आदर्श पथ का अनुसरण कर अपने जीवन को सार्थक बनाए रखेंगे। मंगलवार को परमपूज्य आचार्य विद्यासागर महाराज का 58वां दीक्षा दिवस छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज़ में संचालित आचार्य विद्यासागर सुधासागर शोध पीठ की ओर से बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर मंगलाचरण रुबी जैन लखनऊ ने किया। अतिथियों का स्वागत वक्तव्य अंशु जैन ने दिया एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. अशोक कुमार जैन, आचार्य विद्यासागर सुधासागर जैन शोध पीठ के निदेशक ने की। इस अवसर पर अतिथि के रूप में सी.ए. अरविंद कुमार जैन तथा अन्य न्यासी गण उपस्थित रहे।
प्रो. अशोक कुमार जैन ने आचार्य विद्यासागर महाराज के व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन संयम का जीवन रहा है तथा स्वयं आचार्य पद का परिपालन करते हुए जो राष्ट्रीय, सामजिक, धार्मिक तथा आध्यात्मिक योगदान दिया है उसके लिए सम्पूर्ण समाज चिरकाल तक उनके आदर्श पथ का अनुसरण कर अपने जीवन को सार्थक बनाए रखेंगे। उनका संयममय जीवन हम सभी को प्रेरणा पथ पर आरूढ करे।
सारस्वत अतिथि सुमित कुमार जैन शास्त्री ने कहा कि आचार्य विद्यासागर के विचार देश और समाज के धरोहर हैं और उनके विचारों पर शोध कार्य होने चाहिए जिससे देश और समाज को एक नई दिशा प्राप्त होगी।
इस अवसर पर स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज़ के निदेशक डॉ. सर्वेश मणि त्रिपाठी, डॉ. अंकित त्रिवेदी, डॉ. प्रभात गौरव मिश्र एवं समस्त विभागीय अध्यापक एवं अध्यापिका उपस्थित रहे |
कार्यक्रम का संचालन डॉ. कोमल चन्द्र जैन एवं आभार जितेन्द्र कुमार यादव ने व्यक्त किया | कार्यक्रम में ब्रह्मचारिणी समता दीदी, शिखा जैन, अभिलाषा जैन, रजनी जैन, अंजलि जैन, अलका जैन आदि विद्यार्थियों ने आचार्य के दीक्षा दिवस पर उनके द्वारा किए गए अवदानों के प्रति सम्मान व्यक्त किया तथा उनके आदर्श व्यक्तित्व के प्रति आदर भाव व्यक्त किया |