July 10, 2025

संवाददाता
कानपुर।
रजिस्ट्री कराने के नाम पर रिश्वत मांगने के मामले में सस्पेंड किए गए दो लिपिकों का मामला तूल पकड़ रहा है। 

आज कानपुर विकास प्राधिकरण में सस्पेंड हुए लिपिकों के समर्थन में कर्मचारी उतर आए, कर्मचारियों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी करके कार्य बहिष्कार कर दिया। कर्मचारियों ने कहा कि विशेष कार्याधिकारी की गलती का ठीकरा लिपिकों के सिर पर फोड़ जा रहा है। उन्होंने केडीए वीसी से मांग की, कि जब तक लिपिकों की बहाली नहीं होगी तब तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा।
बर्रा दो निवासी नीरज गुप्ता एक मकान की रजिस्ट्री कराने के लिए पिछले एक साल से ओएसडी कार्यालय के चक्कर काट रहे थे, लेकिन ओएसडी जोन–3 अजय कुमार नीरज से रजिस्ट्री के नाम पर 30 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे थे। नीरज ने ओएसडी अजय कुमार के नाम से रिश्वत की एक चेक काटी और डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह को प्रार्थना पत्र देते हुए सौंप दी।
उन्होंने डीएम से कहा कि यह रिश्वत ओएसडी के खाते में डालने के साथ ही उनका काम करा दें। नीरज ने इससे पहले 28 अप्रैल को डीएम से पहली शिकायत की थी। इसके बाद डीएम ने ओएसडी अजय कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। मामला प्रकाश में आने के बाद केडीए प्रशासन ने ओएसडी का बचाव करते हुए लिपिक विकास भारती व अतुल सोनकर को सस्पेंड कर दिया था।
लिपिकों पर कार्रवाई से आक्रोशित कर्मचारियों ने हंगामा शुरू कर दिया। सैकड़ों कर्मचारियों ने केडीए वीसी के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने कहा कि पीड़ित ने ओएसडी के नाम चेक देकर डीएम से शिकायत की थी, लेकिन गाज लिपिकों पर गिराई गई, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि लिपिकों की तत्काल प्रभाव से बहाली की जाए, जब तक बहाली नहीं होगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।