July 14, 2025

संवाददाता
कानपुर।
चमनगंज पुलिस और सेन्ट्रल जोन की सर्विलांस टीम ने मिलकर बुधवार को शातिर 25 हजार के इनामी शाहिद पिच्चा को एनकाउंटर करके गिरफ्तार कर लिया।पैर में गोली लगने के बाद घायल शातिर को पुलिस ने उर्सला में इलाज के लिए भर्ती कराया है। 

शाहिद पिच्चा अप्रैल 2025 से भूमिगत था, उसने चमनगंज के एक कारोबारी से 50 हजार की रंगदारी मांगी थी। जिसका मुकदमा थाना चमनगंज में लिखा गया था। तब से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। 

शाहिद पिच्चा अपराध की दुनिया का बड़ा नाम है। हत्या, लूट, डकैती, हत्या का प्रयास जैसे तमाम अपराधिक मामले आरोपी के खिलाफ पूर्व में दर्ज हो चुके हैं। 
सईदाबाद चमनगंज निवासी शाहिद उर्फ पिच्चा ने बीती 29 अप्रैल को चमनगंज के होजरी कारोबारी फहीम अहमद को धमकी दी थी कि अगर उसे क्षेत्र में काम करना है तो पचास हजार रुपए की रंगदारी देनी होगी। कारोबारी ने मामले में चमनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी।
इंस्पेक्टर चमनगंज संजय राय के मुताबिक आरोपी शाहिद पिच्चा की तलाश में पुलिस टीमें जुटी हुई थी मगर उसकी सटीक लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। अचानक सूचना मिली कि शाहिद पिच्चा अपने घर आया हुआ है।
इंस्पेक्टर के मुताबिक बिना समय जाया किए पुलिस और सर्विलांस की टीम ने शाहिद पिच्चा के घर पर दबिश दी। पुलिस को देख आरोपी मौके से भागा। पुलिस टीम ने उसका पीछा किया। डिप्टी का पड़ाव गधइया पार्क के पास शाहिद पिच्चा ने अचानक तमंचा निकालकर पुलिस पार्टी पर फायर कर दिया।
शातिर के फायर से पुलिस टीम किसी तरह से बच गई। इसके बाद इंस्पेक्टर चमनगंज संजय राय समेत अन्य पुलिस कर्मियों ने जवाबी फायरिंग करी। इंस्पेक्टर की गोली शाहिद पिच्चा के पैर पर लगी और वो घायल होकर गिर पड़ा। पुलिस टीम ने तत्काल उसे गिरफ्तार किया और घायल होने के कारण उसे इलाज के लिए उर्सला में भर्ती करा दिया।

इंस्पेक्टर चमनगंज के मुताबिक शातिर शाहिद पिच्चा के खिलाफ 42 आपराधिक मामले दर्ज हैं। जिनमें स्वरूप नगर, बिठूर, चमनगंज, अनवरगंज, बादशाहीनाका, कल्याणपुर, बेकनगंज, कर्नलगंज और रेलबाजार थाने में आरोपी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से चार हत्या के मामले हैं। वहीं 6 मामले हत्या के प्रयास के हैं।
शहर में लंबे अर्से तक तैनात रहे एक पुलिस अधिकारी की मानें तो छह बहनों के बीच अकेला भाई शाहिद पिच्चा मनबढ़ है। उसके मुठभेड़ और गैंगवार में मारे जा चुके डीटू गैंग के शातिरों से भी रिश्ते होने की बात सामने आ चुकी है।
शाहिद उरई, हमीरपुर आदि जगहों से तमंचे खरीद कर बेचा करता था। इसके बाद मुंगेर और ईरानी पिस्टल की बिक्री करने लगा। उसके खिलाफ वर्ष 2005 में पहला मामला बजरिया में पुलिस मुठभेड़ का दर्ज किया गया। उसके बाद वो अपराध के साथ साथ वाइट कॉलर बनने की फिराक में था। खुद घटना न करके गुर्गों से घटनाएं करा रहा था।
शाहिद का नाम फुरकान की हत्या के मामले में भी आया था। इस केस के बाद पहली बार उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की गई। इसके बाद तो शाहिद ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। अपना गैंग खुद बनाया और हत्या, लूट, हत्या का प्रयास, एनडीपीएस के मामलों की देखते ही देखते लाइन लगना शुरू हो गई।
गुंडा एक्ट और गैंगस्टर के तहत पुलिस ने कई बार कार्रवाई की। वर्तमान में पांच गैंगस्टर, छह गुंडा एक्ट, नौ एनडीपीएस, छह आर्म्स एक्ट, बलवा के मुकदमे शातिर के खिलाफ दर्ज हैं।
सन 2024 में एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के साथ शाहिद पिच्चा की फोटो वायरल हुई थी। इसमें पुलिस अधिकारी के साथ वह फुट पेट्रोलिंग करता हुआ दिखाई दे रहा था। इसके बाद वह कई बार थाने की पीस कमेटी की मीटिंग में भी देखा गया।
आपराधिक घटनाओं के अलावा शातिर शाहिद ने प्रापर्टी के काम में भी हाथ डाल दिया था। अपराधियों के दम पर विवादित मकानों को खाली कराना और छोटी- छोटी प्रापर्टियों को कम पैसे में खरीद कर ज्यादा में बेचना ही शाहिद का काम हो गया था।