July 1, 2025

संवाददाता

कानपुर।  चार महीने बाद भी नालों की सफाई पूरी नहीं हो सकी है। तीन बार डेडलाइन दी गई, फिर भी काम अधूरे छोड़ दिए गए। मतलब शहर इस बार भी बरसात में डूबेगा। मार्च में 236 बड़े नालों की साफ-सफाई करने के निर्देश दिए गए थे। 8 करोड़ रुपए भी जारी किए गए थे। लेकिन दो बार डेड लाइन पूरी हो चुकी है और तीसरी 20 जून की दी जा चुकी है फिर भी काम पूरे नहीं हो पाए हैं। गुरुवार को हुई पहली बारिश में निगम के सारे दावे की पोल खोल दी।

नगर निगम अधिकारियों का दावा है कि 180 नालों की सफाई के साथ करीब 70 फीसदी कार्य पूरा कर लिया गया है। वहीं बचे 30 फीसदी नालों का कार्य 20 जून तक पूरा हो जाएगा। 
नगर निगम ने नाला सफाई के लिए 8.14 करोड़ रुपए आवंटित किए थे। आने वाले कुछ दिनों में मानसून शहर में दस्तक दे सकता है। शहर के नाला–नालियों की सफाई व्यवस्था को देखते हुए लग रहा है कि नाला सफाई के लिए आवंटित की गई धनराशि बारिश के पानी में बहने वाली है।
महापौर प्रमिला पांडेय ने मार्च में 236 बड़े नालों की सफाई के निर्देश जारी किए थे। 30 मई तक नाला सफाई किए जाने का अल्टीमेटम दिया गया था। उन्होंने कहा था कि 30 मई के बाद वह खुद नाला सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करेंगी। इसके बाद नालों की सफाई की समीक्षा बैठक की गई, जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों को 15 जून तक का समय दिया गया, लेकिन दो बार डेडलाइन पूरी होने के बाद भी अब तक सफाई कार्य अपने अंतिम चरण में नहीं पहुंच पाया है। अब अगली तारीख 20 जून दी गई है।
नाला सफाई व्यवस्था के लिए महापौर प्रमिला पांडेय व नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने अधिकारियों के साथ मैराथन बैठकें की। महापौर व नगर आयुक्त ने बैठक में स्पष्ट संदेश दिया कि नाला सफाई में लापरवाही बरतने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मानसून को देखते हुए 30 मई और 15 जून की डेडलाइन भी जारी की गई थी, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदारों ने सफाई व्यवस्था से पल्ला झाड़ा हुआ है।
डेडलाइन पूरी होने के बाद भी शहर के प्रमुख नाले रफाका व सीओडी में गंदगी बजबजा रही है। यशोदा नगर स्थित सीओडी नाले में भीषण गंदगी व्याप्त है, हालात देख कर लग रहा है कि मानों सफाई सिर्फ कागजों में की गई हो। वहीं रफाका नाला की सफाई व्यवस्था का अभी चंद दिनों पहले ही नगर आयुक्त ने निरीक्षण किया था।
चीफ इंजीनियर एसएएफ जैदी ने बताया था कि विजय नगर में मछली मार्केट के कारण नालों में गंदगी जमा होती है, जिस पर नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने तत्काल प्रभाव से मछली मार्केट हटाने और रफाका नाले की गुणवत्ता पूर्ण सफाई कराने के निर्देश जारी किए थे, लेकिन रफाका नाले की अब तक सफाई पूरी नहीं हो सकी है।
सीसामऊ नाले में सफाई तो की जा रही है, लेकिन टनों के हिसाब से लोगों की घरों के बाहर सिल्ट जमा है। आलम यह है कि रोड पर लोगों के पैर रखने तक की जगह नहीं है। दरवाजों तक जमा सिल्ट के कारण लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। गंदगी के कारण बच्चे बीमार हो रहे है, समय पर सिल्ट उठान नहीं की गई तो बारिश होते ही वह एक बार फिर नालों में बह जाएगी।
नाला सफाई की सुस्त चाल की वजह से शहर के टापू में तब्दील होने की प्रबल संभावना है। सबसे बुरा हाल दक्षिण क्षेत्र के नालों-नालियों का है। शहर में अभियंत्रण खंड के 236 नालों की सफाई ठेकेदारी प्रथा से होती है। वहीं 30 अन्य नालों को अभियंत्रण खंड विभागीय मशीनरी और उपकरणों से साफ करता है। इस बार 8.14 करोड़ रुपए से नालों को साफ किया जा रहा है।
अभियंत्रण विभाग का दावा है कि 236 नालों में 172 और विभागीय मशीनों से साफ हो रहे 30 बड़े नालों में 8 नालों की सफाई पूरी हो गई है, जबकि कुल 86 नालों की सफाई कार्य जारी है। करीब 2 लाख 37 हजार 715 मीटर लंबे नालों में सफाई कार्य किया जा रहा है।
नगर आयुक्त सुधीर कुमार ने नाला सफाई में लगे ठेकेदारों को चेताया गया है कि बरसात में मॉनिटरिंग के बाद ही ठेकेदारों का 25 फीसदी पैसा रिलीज किया जाएगा। लेकिन इसके बाद भी नाला सफाई में लापरवाही बरती जा रही है। विभाग ने कहा है कि 28 जलभराव वाले क्षेत्रों की विशेष निगरानी होगी। यहां नालों और चेंबरों की सफाई के लिये टीमें बनाई गईं हैं। मुख्य अभियन्ता सिविल सैय्यद फरीद अख्तर जैदी ने सभी जोन से रिपोर्ट मंगा ली है।
जूही खलवा पुल, गोविंद नगर चावला मार्केट से धर्मकांटा वाली सड़क, साकेत नगर किदवई नगर थाने के पास, गुजैनी, कौशलपुरी, लाजपत नगर, पांडु नगर, काकादेव, सर्वोदय नगर, रामबाग, गांधीनगर, किदवईनगर, रावतपुर, विजयनगर, शास्त्रीनगर, यशोदा नगर, चमनगंज, जीटी रोड, परमपुरवा आदि क्षेत्रों में भीषण जलभराव होता है।