
संवाददाता
कानपुर। भगवान की लीला, श्रीराम कथा या श्रीराम पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए। नारायण के राम रूप को देखकर माता सती ने संदेह किया और उन्हें एक साधारण मनुष्य मानकर परीक्षा भी ली। जब उनका संदेह मिटा तो उन्हें पछतावा हुआ। यह प्रसंग किदवई नगर के ब्लॉक में चल रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन आचार्य आशीष राघव द्विवेदी चैतन्य ने सुनाया।
आचार्य ने शिव सती चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि किस तरह पति शिव के रोकने के बावजूद सती बिना बुलाए पिता दक्ष के यज्ञ में गईं और वहां अपमान मिलने पर यज्ञ में अपनी देह त्याग दी। इससे क्रोधित शिवगणों ने यज्ञ को तहस-नहस कर दिया।
माता पार्वती के जन्म और शिव पार्वती के विवाह का सुंदर वर्णन किया। संगीत की धुन पर भजनों की गंगा में गोते लगाते हुए पंडाल में बैठे श्रोता भी शिव विवाह में शामिल होकर मस्ती में झूमने लगे।
इस कथा से पहले संगीतमय हनुमान चालीसा का पाठ कथा संचालक राकेश कुमार तिवारी वैदिक व उनकी टीम द्वारा किया गया। मुख्य यजमान पुष्पा अग्रवाल ने बताया कि कल नारद मोहभंग और मनु शतरूपा चरित्र का वर्णन होगा।
इस दौरान विधायक महेश त्रिवेदी की पत्नी आशा त्रिवेदी मुख्य रूप से मौजूद रहीं। अग्रवाल परिवार की ओर से उनको सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में सुरेश अग्रवाल, राकेश अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, मणि, प्राची, रश्मि, रिंकी, वैभव, सक्षम, आराध्या, अयांश मौजूद रहे।