—साइबर सुरक्षा तकनीकों पर और बेहतर ढंग से करेगा काम।

संवाददाता
कानपुर। आईआईटी कानपुर का सी3आईहब अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशनल रिसर्च पार्क में अपग्रेड किया गया है। चयनित संस्थानों में से, सी3आईहब को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में इस प्रतिष्ठित टीटीआरपी को होस्ट करने का अवसर मिला है।
आईआईटी कानपुर का यह टीटीआरपी खास तौर पर साइबर सुरक्षा तकनीकों को आगे बढ़ाने और तकनीकी स्टार्टअप्स का समर्थन करने पर काम करता है।
उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग को ये बढ़ावा देगा। आईआईटी कानपुर के प्रस्ताव की गहन समीक्षा के बाद, एनएम – आईसीपीएस के मिशन गवर्निंग बोर्ड ने सी3आईहब को साइबर सुरक्षा क्षेत्र में टीटीआरपी के रूप में अपग्रेड करने का फैसला किया है।
यह घोषणा केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने एक समीक्षा बैठक के दौरान की।
टीटीआरपी का मकसद है शोध को बाजार में तैयार समाधान में बदलना। डीएसटी पुराने टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब्स जैसे सी3आईहब को टीटीआरपी में अपग्रेड करके अकादमी, उद्योग और स्टार्टअप्स के बीच सहयोग को और मजबूत करना चाहता है।
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा है कि यह सम्मान हमारे साइबर सुरक्षा में निरंतर शोध और नवाचार के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे हम और बेहतर तरीके से अपने शोध को प्रभावशाली और बाजार योग्य समाधान में बदल सकेंगे और राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकेंगे। मैं पूरी सी3आईहब टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।
डीएसटी के समर्थन से, 2020 से 2024 की अवधि में सी3आईहब ने 15 से अधिक तकनीकी उत्पाद लॉन्च किए हैं। 49 स्टार्टअप्स, 3 स्पोक्स और 50 स्पाइक्स का विकास किया है। इनमें से 60% स्टार्टअप्स ने एक या अधिक उत्पादों का व्यावसायीकरण किया है और 25% शोध एवं विकास ने तकनीकी समाधान उपलब्ध कराए हैं।
10,000 से अधिक लोगों का मास्टर डिग्री, सर्टिफिकेट प्रोग्राम, हाथों-हाथ प्रशिक्षण और व्यावसायिक प्रशिक्षण के जरिए कौशल विकसित किया गया है ताकि साइबर सुरक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप और शोध को मजबूत किया जा सके।