—सतीश महाना ने किया औपचारिक लोकार्पण।

संवाददाता
कानपुर। अमृत भारत योजना के तहत नवनिर्मित गोविंदपुरी स्टेशन का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीकानेर राजस्थान से वर्चुअली लोकार्पण किया। उनके लोकार्पण करने के बाद कानपुर में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने औपचारिक लोकार्पण किया।
कार्यक्रम में बतौर अतिथि सांसद देवेंद्र सिंह भोले, रमेश अवस्थी, महापौर प्रमिला पांडेय, मंत्री प्रतिभा शुक्ला समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने संबोधन में कहा कि 2014 से पहले कानपुर के रेलवे स्टेशनों की पहचान गंदगी से थी। स्टेशन पर गंदगी देखकर लोग समझ जाते थे कि कानपुर आ गया। अब वही स्टेशन वर्ल्ड क्लास रूप में विकसित किए जा रहे हैं। गोविंदपुरी स्टेशन भी उसका एक हिस्सा है।
महाना ने आगे कहा कि देश की सेनाओं में पहले भी मजबूत क्षमता थी। लेकिन राजनैतिक इच्छाशक्ति न होने से वे एक्शन नहीं ले पाते थे। अब आतंक के खिलाफ सेनाओं को खुली छूट देकर भारत ने ये दिखा दिया है कि ये नया भारत है। आतंक के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक नए भारत की पहचान बन चुके है।
गोविंदपुरी स्टेशन के लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन सिंदूर छाया रहा। स्टेशन के एंट्री गेट पर ऑपरेशन सिंदूर की होर्डिंग लगी थीं। वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी देशभक्ति की झलक देखने को मिली।
कार्यक्रम में विधायक सुरेंद्र मैथानी, जिला पंचायत अध्यक्ष स्वप्निल वरुण, विधायक पूनम संखवार, एमएलसी अरुण पाठक, जिलाध्यक्ष उत्तर अनिल दीक्षित, दक्षिण शिवराम सिंह, पूर्व विधायक अजय कपूर, रघुनंदन भदौरिया मौजूद रहे।
डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह ने बताया कि गोविंदपुरी स्टेशन दक्षिण शहर की जनता के लिए नायाब तोहफा होगी। दक्षिण की बड़ी संख्या में लोग यहीं से ट्रेनें पकड़ सफर का लुत्फ लेंगे।
यहां के प्लेटफार्म की लंबाई 25 कोचों के बराबर है ताकि लंबी ट्रेन भी प्लेटफार्म पर ही रुकेंगी। गोविंदपुरी स्टेशन पर बने फुट ओवरब्रिज की लंबाई अभी एक नंबर से तीन नंबर प्लेटफार्म तक की है। बाकी कई लाइनें छूट जाती हैं। फजलगंज इंडस्ट्रियल से स्टेशन की कनेक्टिविटी हो तो इसके लिए इसकी लंबाई बढ़ेगी।
गोविंदपुरी और सेंट्रल स्टेशन के बीच स्थित जीएमसी यार्ड पर रोड साइड स्टेशन बनाने की डीपीआर बन चुकी है। इस स्टेशन के बनने से सेंट्रल का लोड कम होगा। इसकी कनेक्टिविटी एक ओर परमपुरवा तो दूसरी ओर जूही खलवा पुल से होगी ताकि दोनों तरफ से लोग आकर यहां से ट्रेन पकड़ सकें।