October 19, 2025

संवाददाता 
कानपुर।
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में गबन करने वाले कर्मचारी की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। यूजर चार्ज की रकम हड़पने पर कर्मचारी के खिलाफ प्रिंसिपल ने कड़ा एक्शन लेते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। जांच में सहयोग नहीं करने और सीसीटीवी समेत कई साक्ष्यों को देखने के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है।
कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमाेरियल मेडिकल कालेज के ब्लड बैंक में इंद्र प्रताप नाम का कर्मचारी तैनात था। इंद्र प्रताप ने वहां पर यूजर चार्ज की धनराशि कैश बॉक्स से 16 हजार 950 रुपए निकालकर अपने पास रख लिया। सीसीटीवी कैमरे में यह स्पष्ट रूप से देखा गया। विभागीय जांच कराई गई। जांच में इंद्र प्रताप शामिल नहीं हुए और आरोप सही पाए गए। इसके बाद मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. संजय काला ने इस संबंध में थाना स्वरूप नगर में एक तहरीर देकर 11 फरवरी को इंद्र प्रताप के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
केस में अग्रिम जमानत के लिए इंद्र प्रताप ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के अनुसार एडीजे-7 विनोद त्रिपाठी की कोर्ट ने सुनवाई के बाद अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। एडीजे 7 ने निर्णय में लिखा कि सीसीटीवी में इन्द्र प्रताप देखा गया था। विभागीय जांच में इंद्र प्रताप शामिल नहीं हुए। उसने धनराशि जमा करने की भी पेशकश की थी। यह गंभीर मामला सरकारी धन के गबन का है। ऐसी स्थिति में इनका अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त किया जाता है। 

अब घोटाला करने वाले कर्मचारी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। वहीं, दूसरी तरफ पर्याप्त साक्ष्य मिलने के बाद पुलिस भी जल्द से जल्द मामले में अपनी चार्जशीट फाइल करेगी।