
आ स. संवाददाता
कानपुर। सीएसजेएम विश्वविद्यालय, कानपुर के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सतत ऊर्जा एवं उन्नत सामग्री विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया। इस सम्मेलन का संयुक्त आयोजन रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग, यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग, सामग्री विज्ञान एवं धातुकर्म अभियांत्रिकी विभाग, तथा व्यावसायिक अध्ययन विभाग द्वारा किया गया।
विश्वविद्यालय के कुलपति की अध्यक्षता में प्रति कुलपति डॉ. अनिल कुमार यादव ने दीप प्रज्जलित कर सम्मेलन का उद्घाटन किया गया। प्रति कुलपति ने उद्घाटन भाषण में सतत विकास, ऊर्जा संरक्षण तथा नवाचार की दिशा में अनुसंधान की महत्ता को रेखांकित किया। सम्मेलन में देश-विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं एवं विद्यार्थियों ने सहभागिता की।
सम्मेलन के मुख्य अतिथि प्रो. लालतु चंद्रा, सतत ऊर्जा अभियांत्रिकी विभाग, आईआईटी कानपुर थे। उन्होंने सम्मेलन की थीम पर विस्तृत चर्चा करते हुए ऊर्जा, सततता एवं नवाचार पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सतत ऊर्जा स्रोतों की खोज एवं उन्नत सामग्री का विकास, वैश्विक स्तर पर अत्यंत आवश्यक हो गया है।
सम्मेलन में आमंत्रित वक्ता प्रो. सुदर्शन नारायण, सतत ऊर्जा अभियांत्रिकी विभाग, आईआईटी कानपुर ने ऊर्जा उपकरणों हेतु उपयोगी सामग्री तथा उनके सतत समाधान में भूमिका पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। वहीं, सीएसआईआर-सेन्ट्रल इलेक्ट्रोकेमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट से प्रो. एस. वासुदेवन ने हरित हाइड्रोजन उत्पादन पर गहन जानकारी दी।
सम्मेलन के तकनीकी सत्र में कुल 125 शोध पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से 74 शोध पत्रों को मौखिक प्रस्तुति के लिए चयनित किया गया। विभिन्न संस्थानों से आए शोधकर्ताओं ने सम्मेलन के दौरान सतत ऊर्जा स्रोतों, स्मार्ट सामग्री, हरित प्रौद्योगिकी, उन्नत निर्माण तकनीकों और पर्यावरणीय अनुकूल नवाचारों पर आधारित अनेक शोध-पत्र प्रस्तुत किए गए। इस अवसर पर वक्ताओं ने सतत ऊर्जा के क्षेत्र में नवीनतम अनुसंधान कार्यों और उन्नत सामग्रियों की संभावनाओं पर गहन चर्चा की।
इस सम्मेलन की अध्यक्षता प्रो. बृष्टि मित्रा, निदेशक, यूआईईटी द्वारा की गई।
सम्मेलन के समापन अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए डॉ. अनिल कुमार यादव ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, प्रतिभागियों एवं आयोजकों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त की।
इस सम्मेलन का उद्देश्य सतत विकास के लिए नवीन ऊर्जा स्रोतों एवं उन्नत सामग्रियों पर केंद्रित अनुसंधान को प्रोत्साहन देना रहा, जो निश्चित ही समाज एवं पर्यावरण के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।