April 19, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। किदवई नगर एच ब्लॉक में रहने वाली मां सत्यवती का बुढ़ापे का एकलौता सहारा नवीन की किदवई नगर हिट एंड रन केस में जान चली गई। 
सत्यवती भरे गले से बोली कि हे भगवान मुझे भी उठा लेते, अब किसके सहार जिऊंगी…। मेरे दूसरे बेटे को भी एक्सीडेंट में आपने छीन लिया। जो बचा है उसे तो आपने सोचने-समझने की ताकत ही नहीं दी। शरीर से भी विकलांग है। किराए का घर और इतनी जिम्मेदारियों को अब मैं कैसे उठा पाऊंगी। यह कहते हुए फफक-फफक कर रो रहीं थीं। यह देखकर रिश्तेदार और मोहल्ले के लोग भी अपने आंसू नहीं रोक सके। उन्होंने कहा कि कार का ड्राइवर भी बदल दिया गया, बड़े लोग हैं रात के अंधेरे में क्या हुआ किसको पता।
किदवई नगर में रहने वाली 65 वर्षीय सत्यवती के पति ओम प्रकाश गुप्ता का करीब 13 साल पहले निधन हो गया था। सत्यवती के चार बेटों में सबसे बड़ा बेटा विनय शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग है। जबकि दूसरा बेटा अजय बीते 15 सालों से परिवार से अलग रहता है और अविवाहित है। तीसरे बेटे संजय की 4 साल पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी, अब घर का इकलौता सहारा नवीन को भी शुक्रवार देर रात संजय वन के सामने तेज रफ्तार इनोवा सवार ने उड़ा दिया। गंभीर रूप से घायल नवीन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हादसे की जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया। सत्यवती को तो यकीन ही नहीं हो रहा था कि उनके बेटे की मौत हो गई है।
मकान मालिक और मोहल्ले के लोगों ने उन्हें किसी तरह संभाला। सत्यवती ने बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हमें तो लगता है कि कार का ड्राइवर भी बदल दिया गया है। रात के अंधेरे में किसने क्या देखा। बड़े लोग हैं, कुछ भी कर सकते हैं। बुजुर्ग महिला के  बेटे की मौत ने इस कदर झकझोर दिया कि उनका दर्द देखकर मोहल्ले के लोग ही नहीं वहां मौजूद पुलिस अफसरों का भी कलेजा पसीज उठा। शनिवार को शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। बातचीत के दौरान सत्यवती ने बताया कि उनकी तो अब दुनिया ही उजड़ गई है। किराए का घर और एक दिव्यांग बेटा उनके साथ है, कैसे उनकी जिंदगी चलेगी कुछ समझ नहीं आ रहा है। सत्यवती ने हाथ जोड़कर सरकार से मुआवजे की मांग की है।
मां सत्यवती ने बताया कि उनका बेटा नवीन ई-रिक्शा चालकर परिवार का भरण-पोषण करता था। वह किराए के मकान में रहती हैं। उनके पास अब किसी का भी सहारा नहीं बचा है। नवीन की शादी नहीं हुई थी। आर्थिक तंगी के चलते पूरा परिवार पहले से बिखरा हुआ था और अब बुढ़ापे के सहारे को भी छीन लिया।
हादसे के बाद गाड़ी की नंबर प्लेट मौके पर टूट कर गिर गई थी। नंबर के आधार पर जांच की गई तो पता चला कि गाड़ी मालिक नारायणपुरवा नजीराबाद निवासी गोपाल बाजपेई हैं। गोपाल ने बताया कि गाड़ी उनका ड्राइवर आशीष ले गया था। पुलिस ने आशीष के घर पर दबिश देकर उसे अरेस्ट कर लिया। इसके साथ ही गाड़ी को भी अपने कब्जे में लिया है। आरोपी ड्राइवर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की एफआईआर दर्ज करके आरोपी ड्राइवर आशीष को जेल भेज दिया गया।