July 30, 2025

आ स. संवाददाता                                

कानपुर। उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव को अब उसकी चयन प्रक्रिया ही पूरी तरह से भ्रष्ट नजर आने लगी है, जबकि इससे पूर्व वह उसी चयन प्रक्रिया में स्वयं हस्तक्षेप करने से गुरेज नही करते थे। एक और पूर्व सचिव की नजदीकियों के चलते वह संघ के भीतर अपना रसूख कायम रखते हुए चयनकर्ताओं पर अपने बेटे और अपने वाहन चालक के बेटे को  प्रदेश की टीम में शामिल करने  का दबाव बनाए रहते थे। 

सचिव पद पर निरन्तर बने रहने की मंशा में उन्होने उस शख्स के खिलाफ बगावती सुर निकाल डाले। जिससे  उन्हे प्रदेश ही नही देश की टीम  को नियन्त्रित करने का अवसर प्रदान करवाया था।अब मामला समानान्तर यूपीसीए चलाने वाले मेरठ के मठाधीश और यूपीसीए के बीच आमने-सामने आ चुका  है। मेरठ के मठाशीध अपने क्रिकेटरों को बढ़ावा देने की वकालत कर रहे है, जिसमें खराब प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी भी शामिल हैं। वह चाहते है कि केवल उनके जिले के क्रिकेटर ही घरेलू क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के लिए खेलें। 

यूपीसीए के एक पूर्व सचिव, जो मेरठ से हैं, ने हाल ही में यूपीसीए की चयन नीति की आलोचना की और कहा कि मेरठ की प्रतिभाओं को नजरअंदाज किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि इसी व्यक्ति ने कथित तौर पर अतीत में अपने और अपने ड्राइवर के बेटे को एक टीम में बिना चयन प्रक्रिया में शामिल हुए भी कि जगह दिलवाई थी। हाल ही में उन्होंने मेरठ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के क्रिकेटरों को कोई अतिरिक्त वित्तीय सहायता नहीं देने के लिए यूपीसीए की आलोचना की और यूपीसीए पर चयन प्रक्रिया में मेरठ के क्रिकेटरों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। 

यूपीसीए के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दूसरे अधिकारी से सवाल दाग ही दिया, जिसमें पूछा गया कि क्या यूपीसीए को घरेलू प्रतियोगिताओं में दो टीमें उतारनी चाहिए, जिसमें एक टीम अकेले मेरठ की हो? उन्होंने आरोप लगाया यदि मेरठ गिरोह की नीतियां अच्छी होतीं तो उत्तर प्रदेश को नियमित रूप से घरेलू टूर्नामेंट में जीत अवश्य मिलती । केवल यह गिरोह ही बाहरी लोगों से कोचों की भर्ती करके यूपीसीए के कई करोड़ रुपये बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार है, और वे कभी भी टीम को जीतने में मदद नहीं कर सकते। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि मेरठ के मठाशीध की हताशा का कारण यूपीसीए के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला द्वारा हाल ही में इसमें योग्य लोगों को शामिल किया जाना है। 

उन्होंने कहा मेरठ के मठाधीश को हाल ही में संपन्न घरेलू सत्र में सीनियर क्रिकेट की कमान सौंपी गई थी और टीम ने रणजी ट्रॉफी, सैयद मुश्ताक अली टी-20 ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी सहित तीनों ट्रॉफियों में खराब प्रदर्शन किया। 

यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि यह राजीव शुक्ला ही हैं जिन्होंने पूर्व में सचिव के रूप में यूपीसीए में व्यावसायिकता लाई थी, और अब भी राज्य क्रिकेट और क्रिकेटरों की बेहतरी के लिए बदलाव उनकी ही कृपादृष्टि से संभव हो रहा है, लेकिन इस बदलाव ने मठाशीधों को हताश कर दिया है। उन्होंने कहा यूपीसीए सभी जिलों के सभी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को प्रतिनिधित्व देता है अब इसके लिए पूरे प्रदेश में सख्ती बरती जा रही है, और भविष्य में भी ऐसा करना जारी रहेगा।