July 31, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर को भारतीय शैक्षणिक संस्थान – पेटेंट के लिए प्रतिष्ठित नेशनल इलेक्चुअल प्रॉपर्टी  अवॉर्ड 2024 से सम्मानित किया गया है।

भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की उपस्थिति में  यह सम्मान आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल को प्रदान किया गया, उनके साथ आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के रिसर्च एस्टेब्लिशमेंट ऑफिसर अंशु सिंह भी मौजूद थे।

इस गौरवपूर्ण क्षण में आईआईटी कानपुर को डब्लूआईपीओ उपयोगकर्ताओं के लिए डब्लूआईपीओ  नेशनल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया, जो वर्ल्ड इलेक्चुअल प्रॉपर्टी ऑर्गेनाइजेशन डब्लूआईपीओ आईपी सेवाओं को प्रारंभिक दौर से अपनाने वालों और नवोन्मेषी उपयोगकर्ताओं को दिया जाने वाला सम्मान है। डब्ल्यूआईपीओ की वैश्विक मान्यता पहलों के अनुरूप राष्ट्रीय आईपी पुरस्कारों का उद्देश्य भारत के बौद्धिक संपदा परिदृश्य को आगे बढ़ाने वाले संस्थानों और व्यक्तियों के योगदान को मान्यता देना है। 

आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इस सम्मान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आईआईटी कानपुर में हम सभी के लिए यह गर्व की बात है कि हमारे प्रयासों को इस राष्ट्रीय पुरस्कार से मान्यता मिली है। हमारे संकाय, शोधकर्ताओं और छात्रों ने लगातार अपनी नवाचार की सीमाओं को आगे बढ़ाने का काम किया है और यह सम्मान भारत और दुनिया के लिए प्रभावशाली अनुवाद संबंधी शोध और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।

पेटेंट दाखिल करने और लाइसेंसिंग में आईआईटी कानपुर की निरंतर सफलता ने नवाचार के प्रमुख प्रवर्तक के रूप में इसकी भूमिका को और मजबूत किया है। 2024 में संस्थान ने एक वर्ष में सबसे अधिक बौद्धिक संपदा अधिकार दाखिल किए, जो लगातार चौथे वर्ष उल्लेखनीय गति बनाए हुए है। कुल 1,229 आईपीआर दाखिल करने और 860 की स्वीकृत के साथ, आईआईटी कानपुर ने अनुसंधान और तकनीकी प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है। संस्थान ने 2024 में लगभग 12.91% की असाधारण प्रौद्योगिकी लाइसेंसिंग दर भी बनाए रखी ।

नेशनल इलेक्चुअल प्रॉपर्टी अवॉर्ड 2024 का आयोजन कंट्रोलर जनरल ऑफ पेटेंट, डिजाइन एंड ट्रेडमार्क द्वारा उन नवोन्मेषकों, संस्थानों और उद्यमों को सम्मानित करने के लिए किया गया, जिन्होंने भारत में बौद्धिक संपदा निर्माण और व्यवसायीकरण को महत्वपूर्ण रूप से आगे बढ़ाया है। ये पुरस्कार आईपी-संचालित पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करने में उत्कृष्टता के लिए एक बेंचमार्क के रूप में कार्य करते हैं।