August 2, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। आईआईटी कानपुर के एस्ट्रोनॉमी क्लब ने क्लब की स्वर्ण जयंती के उपलक्ष्य में अपने वार्षिक कार्यक्रम एस्ट्रोवेंचर के दूसरे संस्करण की मेजबानी की। 1975 में स्थापना के बाद से पिछले 50 वर्षों में यह क्लब ब्रह्मांड के रहस्यों को उजागर करता रहा है। इस वर्ष के चार दिवसीय समारोह में इसकी विरासत को प्रदर्शित किया गया।
एस्ट्रोवेंचर 2025 ने अंतरिक्ष प्रेमियों को आकर्षक कार्यशालाओं, प्रतियोगिताओं और व्यावहारिक गतिविधियों से भरपूर अनुभव के लिए मंच प्रदान किया है।
एस्ट्रोवेंचर 2025 पर बोलते हुए, एस्ट्रोनॉमी क्लब के समन्वयक सोहेल सैनी ने कहा कि यह आयोजन एक मजेदार और आकर्षक तरीके से खगोल विज्ञान में रुचि पैदा करता है। यह एक अच्छी तरह से योजनाबद्ध कार्यक्रम था, जिसने छात्रों की खगोल विज्ञान में रुचि विकसित करने में मदद की, यह एक आशाजनक कैरियर विकल्प भी है।
इस कार्यक्रम की शुरुआत स्टेलारिस से हुई, जो सामान्य ज्ञान, रोमांच और अन्वेषण का एक गतिशील मिश्रण है, जो ब्रह्मांड की रोमांचक यात्रा के लिए माहौल तैयार करता है।
प्रतिभागियों ने एक कार्यशाला में खगोल फोटोग्राफी की कला का प्रदर्शन किया। उन्नत पोस्ट-प्रोसेसिंग तकनीकों को सीखा। कॉस्मिक वॉयेज भी आयोजित किया गया, जो एक रोमांचक खजाने की खोज थी, जिसमें प्रतिभागियों को खगोलीय पहेलियों और आश्चर्यों के साथ चुनौती दी गई थी।
कार्यक्रम में मेक-एन-टेक टेलीस्कोप वर्कशॉप आयोजित की गई, जहां छात्रों ने रिजॉल्यूशन और आवर्धन जैसी अवधारणाओं को समझते हुए अपनी खुद की कार्यात्मक दूरबीनें बनाईं।
दूससरे दिन की शुरुआत एस्केप रूम के साथ हुई, जो एक इंटरैक्टिव चुनौती थी, जिसमें प्रतिभागियों के खगोलीय ज्ञान को आकर्षक तरीके से परखने के लिए समस्या-समाधान, क्विज और मिनी-गेम्स को शामिल किया गया था।
ग्रैंड फिनाले में बैंगलोर स्थित भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक प्रो. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने विशेष व्याख्यान दिया। उनके ज्ञानवर्धक व्याख्यान ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, उन्होंने खगोल भौतिकी के भविष्य और इस क्षेत्र में अवसरों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का समापन आईआईटी कानपुर हवाई पट्टी पर अवलोकन सत्र के साथ हुआ, जहां उपस्थित लोगों को खगोलीय आश्चर्यों को देखने का मौका मिला। 

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