
आ स. संवाददाता
कानपुर। आगामी 30 मार्च को रविवार के दिन से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, यह पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के पर्व का विशेष महत्व है।
नवरात्रि को बेहद सौभाग्यशाली माना जाता है। इस वर्ष चैत्र नवरात्रि एक और विशेष प्रकार से शुभ है, ज्योतिषाचार्यों की मानें तो नवरात्रि की शुरुआत पंचग्रही योग के साथ हो रही है, यह संयोग करीब 100 साल बाद हो रहा है।
रविवार से चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ होने जा रहा है। इस दिन राहु, सूर्य, शुक्र, बुध व शनि ग्रह मीन राशि में प्रवेश करेंगे। करीब 100 साल बाद ऐसे पंचग्रही योग में नवरात्र का शुभारंभ होने जा रहा है, जो भक्तों के लिए सुख, समृद्धि का कारक बनने वाला है।
नवरात्रि में कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजे से शुरू होगा, जो दोपहर 2:14 तक रहेगा, इस मुहूर्त में कलश स्थापित करने से मां दुर्गा सभी कष्टों का निवारण करेंगी। नवरात्रि के अंतिम दिन 6 अप्रैल को रामनवमी है, जिसमें रात 11:13 बजे से धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकेंगे।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक नवरात्रि में मां दुर्गा को लौंग अर्पित करने से वह बहुत प्रसन्न होती हैं और भक्तों के सारे कष्टों का निवारण करती हैं। उन्होंने बताया कि आर्थिक तंगी से मुक्ति के लिए नवरात्रि में मां दुर्गा के मंत्रों का जप करते हुए रोजाना दो लौंग का जोड़ा अर्पित करें, ऐसा करने से मुश्किलें कम होंगी।
साथ ही चैत्र नवरात्रि के पहले दिन एक पीले कपड़े में एक लौंग का जोड़ा, 5 सुपारी व 5 इलायची रख कर पोटली बना लें, इसके बाद उस पोटली को माता के सामने रख कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। नवरात्रि के अंतिम दिन पोटली को धन के स्थान पर रख दें, इस उपाय से माता का आशीर्वाद बना रहता है और सुख-समृद्धि की कामना पूर्ण होगी।