
आ स. संवाददाता
कानपुर। सरकार की तरफ से साफ आदेश है कि कोई भी सरकारी डॉक्टर अस्पताल छोड़ कर कहीं और प्रैक्टिस नहीं कर सकता हैं। इसके बावजूद गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज, कानपुर के डॉक्टर खुले आम प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। ये सरकारी डाक्टर बकायदा अपना क्लिनिक चला रहे है और उन्होंने उसमें अपने नाम का बोर्ड भी लगा रखा है।
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह इस मामले को लेकर काफी गंभीर है। उनके यहां शिकायतकर्ताओं ने बताया कि डॉक्टर हैलट के है लेकिन रोज शाम को उनके प्राइवेट क्लिनिक में भीड़ लगती है। इसके बाद शिकायत की जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि मेडिकल कॉलेज के 5 डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। इन पर कार्रवाई होना लगभग तय माना जा रहा हैं।
मेडिकल कॉलेज की ओर से भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि ये डॉक्टर या तो प्राइवेट अस्पताल में बैठते है या फिर अपने क्लिनिक में मरीजों को देखते है। इतना ही नहीं मरीजों के ऑपरेशन के नाम पर अलग-अलग अस्पताल में जाकर ओटी भी चलाते है। मरीजों को भर्ती कराने के लिए उनको अलग-अलग अस्पतालों में भी संपर्क कराते है।
जांच में पाया गया कि एक डॉक्टर अपनी खुद की पैथोलॉजी बर्रा में चलाते हैं। इसके अलावा एक डॉक्टर रावतपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करते हैं। एक डॉक्टर का परेड में क्लिनिक है। दो डॉक्टर ऐसे है, जिनका क्लिनिक स्वरूप नगर में बना हुआ है।