April 19, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
रमजान के महीने में खजूर की डिमांड 3 गुना तक बढ़ जाती है। बाजारों में खजूर की कई नई किस्मे भी दिखाई देती है। रोजेदार खजूर का इस्तेमाल इफ्तार और शहरी में खाने के लिए करते हैं। इसके कई फायदे भी होते हैं। 

कानपुर के खजूर स्ट्रीट जहां 20 से ज्यादा तरह की खजूर बिक रही है।जहां ईरान और इराक जैसे मुल्कों से खजूर दो महीने पहले से ही मांगना शुरू कर दिया जाता है। इन देशों से खजूर शिपिंग के माध्यम से कंटेनर में मंगाए जाते हैं। तब जाकर शहर के लोग इन विदेशी खजूरों का स्वाद चख पाते हैं।मुसलमान रमजान के महीने में खजूर का अधिक इस्तेमाल करते हैं ।
क्योंकि सेहती तौर पर भी शरीर के लिए खजूर बेहद फायदेमंद होता है। इसलिए इस महीने में खजूर की डिमांड बढ़ जाती है। शहर के बांसमंडी स्थित खजूर स्ट्रीट  शहर के सबसे बड़ी और सबसे पुरानी खजूर की दुकान है। इस दुकान पर शहर के अलावा आसपास के जिले से लोग खजूर खरीदने के लिए आते हैं
यहां की खासियत यह है कि यहां 22 प्रकार से भी ज्यादा के खजूर मिलते हैं। खजूर के खरीदारों की भीड़ यहां शहरी के वक्त से यानी सुबह 5 बजे से शुरू हो जाती है। इसके बाद देर रात तक खजूर के खरीदार मौजूद रहते हैं। सबसे ज्यादा डिमांड अजवा खजूर की होती है।
अजवा खजूर सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यहां तक इसकी गुठलियों को भी दवा के रूप में काम करती हैं। यह खजूर सभी खजूरों से महंगा भी होता है। इसके अलावा सगई, खसरम, मबरूम, कलमी, मसरूक, प्रीमियम रबिया, सफरी, मजाफाती, शल्बी,रब्बी, सयेर और मेड्यूल खजूर बिक रहे हैं
खजूर स्ट्रीट के मालिक नबील ने बताया की रमजान महीने में खजूर की बिक्री की तैयारी 2 महीने पहले से शुरू कर दी जाती है। मुंबई से सारा माल कानपुर मंगाया जाता है। जिसमें ईरान और इराक जैसे देशों से भी खजूर मंगाया जाता है। शिपिंग के माध्यम से ईरान और इराक से खजूर मुंबई पहुंचता है इसके बाद कानपुर लाया जाता है।
यूपी के कई जिलों में तलाश करने के बाद भी ऐसे खजूर नहीं मिलते हैं। क्योंकि रमजान में इसकी डिमांड बढ़ जाती है ।इसलिए यहां खजूर खरीदने वाले अन्य जिलों की दुकानदार भी आते हैं। इसलिए शहर के फुटकर खरीदारों को कई बार खजूर मिल भी नहीं पता।