March 12, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  यूपी कैबिनेट के फैसले के बाद कानपुर कोषागार में डंप पड़े 2 हजार 400 करोड़ रुपए के स्टांप पेपर रद्दी हो गए हैं। अब ई-स्टांप को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से यूपी सरकार ने स्टांप पेपर को बंद करने का फैसला लिया है। कानपुर कोषागार से पूरे प्रदेश में स्टांप सप्लाई किए जाते हैं।
सरकार ने फैसला लेते हुए 10, 15, 20 और 25 हजार के स्टांप पेपर की बिक्री को बंद कर दिया है। इसकी जगह पर लोग ई-स्टांप ले सकेंगे। जबकि 10, 20, 50,100, 1000 और 5 हजार रुपए तक के स्टांप पेपर लोग खरीद सकेंगे।
यूपी सरकार ने ई-स्टांप को इसलिए लागू किया था कि स्टांप की छपाई पर आने वाला खर्च काफी ज्यादा था। इसमें करीब 100 करोड़ रुपए खर्च हो रहे थे। इसके ऊपर करीब 90 करोड़ रुपए कमीशन देना पड़ रहा था। ऐसे में सरकार को कमाई से ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा था।
कोषागार से स्टांप बेचने पर कोई कमीशन सरकार को नहीं देना पड़ता था। अब सरकार को छपाई के खर्च से ज्यादा कमीशन देना पड़ रहा था। अब ई-स्टांप व्यवस्था को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है ।
अन्य जिलों से ऑर्डर मिलने पर कोषागार कानपुर स्थित नोडल स्टांप डिपो से नासिक और हैदाराबाद से स्टांप पेपर मंगाए जाते हैं। इसके बाद यहां से प्रदेश के सभी 75 जिलों में बिक्री की जाती थी। यहां 5 रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक के स्टांप की बिक्री होती थी। लेकिन अब 10 रूपये से 5 हजार रुपए तक के स्टांप की बिक्री होगी।
ई-स्टांप व्यवस्था के शुरू होने के बाद सरकार ने नए स्टांप मंगाने के आदेश पर रोक लगा दी है। मैनुअल स्टांप की बिक्री बंद होने से कोषागार में पड़े 2 हजार 400 करोड़ रुपए के स्टांप डंप हो गए।
मामले में चीफ ट्रेजरी ऑफिसर विनोद कुमार सिंह ने बताया कि शासन के निर्देशों पर ही डंप स्टांप का क्या करना है, यह निर्धारित किया जाएगा।