March 10, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
भाजपा के प्रदेश मंत्री अनस उस्मानी ने बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के बयान पर जवाब दिया है।
अनस का बयान है कि मेरा सिर्फ इतना कहना है इस्लाम में रोजा रखना फर्ज है। लेकिन इसमें कुछ छूट भी दी गई है। जैसे कोई बीमार है या कोई काम करते हैं, जिनकी मजबूरी है कि वह रोजा नहीं रख सकते हैं या ऐसी जगह जॉब करते हैं की काम करना जरूरी है, मोहम्मद शमी देश का एक बहुत इंपॉर्टेंट मैच खेल रहा था उस दिन अगर उसने रोजा नहीं रखा तो कोई गुनाह नहीं किया, अल्लाह की नजर में उसकी माफी है।
भाजपा नेता ने इसके बाद कहा कि ऐसे जो भी मौलाना हैं जो फर्जी बनकर घूम रहे हैं, हमारे मुस्लिम समाज को बदनाम कर रहे हैं बर्बाद कर रहे हैं। इन्हीं के चक्कर में आज देश में मुसलमान की और इस्लाम की छवि खराब हुई है, मैं इनको कहना चाहूंगा कि इस्लाम में सीधे-सीधे कहा गया है कि हर इंसान अपने अमाल का खुद जिम्मेदार है। हश्र के मैदान में सबको अपना-अपना हिसाब देना पड़ेगा मैं उन मौलाना से कहना चाहूंगा कि वह अपनी फिक्र करें ,वह दूसरों की फिक्र ना करें, शमी जो करेगा वह उसका हिसाब देगा। मौलाना साहब रमजान के महीने में इबादत करें इस तरह के बयान देने से बचें। 

आप बताइए किसी पाकिस्तान के मौलाना का बयान आया क्या? अफगानिस्तान की टीम भी तो खेल रही है, किसी ने सवाल उठाया क्या? दूसरे मुल्कों की टीम में भी मुसलमान खेल रहे हैं उन पर किसी ने उंगली उठाई क्या? हमारे यहां मौलानाओं को शौक है हाइलाइट में आने का, न्यूज़ में आने का और अपने लोगों को शर्मिंदा करने का वह काम कर रहे हैं। लेकिन हमारी मुस्लिम पीढ़ी इन मौलाना को चक्कर में आने वाली नहीं है, हम देश के लिए काम कर रहे हैं, अपने इस्लाम धर्म का पालन कर रहे हैं इस्लाम बहुत फ्लेक्सिबल मजहब है, इसको कट्टर बनाने की साजिश है, कट्टर दिखाने की साजिश है। उसको हम  नाकाम कर रहे हैं।
इससे पहले बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी से नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि शमी ने रमजान में रोजा नहीं रखा, जो गुनाह है। शरीयत की नजर में वह मुजरिम हैं। उसको हरगिज ऐसा नहीं करना चाहिए था।
मोहम्मद शमी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच के दौरान ग्राउंड पर एनर्जी ड्रिंक पीते नजर आए थे। इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने वीडियो जारी किया था। इस  वीडियो के वायरल होने के बाद एक बहस छिड़ गई। 

इस पर अब अल्पसंख्यक मोर्चा भाजपा के प्रदेश मंत्री ने ऐसे मौलाना पर इस्लाम और मुस्लिम समाज को बदनाम और बर्बाद करने का आरोप लगाया है। प्रदेश मंत्री ने कहा कि इस्लाम में रोजा फर्ज है। मुसलमानो को रोजा रखना चाहिए लेकिन इसमें छूट भी दी गई है, कि अगर कोई ऐसा काम करता है जिससे वह रोजा नहीं रख सकता तो अल्लाह उसे इसकी माफी देते हैं। लेकिन बरेली के मौलाना ने देश के लिए खेल रहे खिलाड़ी मोहम्मद शमी पर जिस तरह से वीडियो बनाकर टिप्पणी की वह बिल्कुल गलत है।
तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी अपने देश के लिए खेल रहे थे, अपना काम कर रहे थे। ऐसे में उन्हें गुनहगार,मुजरिम बताना बेहद अफसोसनाक है। उन्होंने मौलाना को हिदायत भी दी कि मौलाना रमजान के महीने में इबादत करें और ऐसी चीजों से दूर रहे। अनस ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान की टीम भी चैंपियंस ट्रॉफी में खेली इसके अलावा अन्य क्रिकेट टीमों में भी मुस्लिम खिलाड़ी है। लेकिन किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया। लेकिन हमारे यहां मौलानाओं को शौक है कि वह मीडिया की सुर्खियां बनें, इसलिए इस तरह के वीडियो बयान जारी करते हैं।