
आ स. संवाददाता
कानपुर। भारतीय सेना और सैन्य इंजीनियरिंग सेवा ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से भोपाल सैन्य स्टेशन पर प्रौद्योगिकियों और संधारणीय बुनियादी ढांचे पर केंद्रित एक ऐतिहासिक संगोष्ठी का आयोजन किया।ट्रांसफॉर्मीग द इंडियन आर्मी विद न्यू कन्स्ट्रक्शन टेक्नोलॉजीस, ग्रीन एनर्जी एण्ड क्लाइमेट-रिज़िल्यन्ट इंफ्रास्ट्रक्चर शीर्षक वाले इस कार्यक्रम में सैन्य तत्परता और पर्यावरणीय स्थिरता के महत्वपूर्ण अंतरसंबंध को संबोधित करने के लिए प्रमुख संस्थानों और उद्योग जगत के अग्रणी विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया।
यह सेमिनार सीडब्लूसीआई झांसी और आईआईटी कानपुर के बीच एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से स्थापित सफल साझेदारी पर आधारित है, जो कार्बन-न्यूट्रल सैन्य स्टेशन बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सुदर्शन चक्र कोर के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल एस के श्रीवास्तव ने सेमिनार का उद्घाटन किया और इस मिशन में तत्परता बनाए रखते हुए पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करने के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में तीन प्रमुख क्षेत्रों इनोवेटिव कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजीज, रिन्यूएबल एनर्जी इंटीग्रेशन और क्लाइमेट-रिज़िल्यन्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर व्यापक पैनल चर्चा की गई । कार्यक्रम में आईआईटी कानपुर, आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी हैदराबाद, आईआईएसडी, सीडीआरआई, टीईआरआई और बीएमटीपीसी सहित प्रमुख संस्थानों के प्रतिष्ठित प्रतिभागियों ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ अपनी विशेषज्ञता का योगदान दिया।
प्रो. तरुण गुप्ता, डीन, रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट, आईआईटी कानपुर ने कहा कि ये सेमिनार सैन्य बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आईआईटी कानपुर की शोध विशेषज्ञता को भारतीय सेना की परिचालन आवश्यकताओं के साथ जोड़कर, हम स्थायी सैन्य प्रतिष्ठानों के लिए एक खाका तैयार कर रहे हैं जो दुनिया भर के सशस्त्र बलों के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा। हमारा संस्थान इस महत्वपूर्ण पहल में योगदान करने पर गर्व करता है जो राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं के साथ तकनीकी नवाचार को जोड़ता है।
मुख्यालय मुख्य अभियंता भोपाल जोन के तत्वावधान में आयोजित इस सेमिनार ने भारत भर के 50 सैन्य स्टेशनों से वर्चुअल भागीदारी के माध्यम से व्यापक पहुंच हासिल की, जिससे नवीन प्रथाओं और तकनीकी प्रगति का व्यापक प्रसार सुनिश्चित हुआ।
झांसी मिलिट्री स्टेशन पर विश्व पृथ्वी दिवस 2024 के सफल आयोजन के बाद यह दूसरा आयोजन है। उद्योग सुविधा प्रदाता प्रोग्रेसन ग्लोबल ने प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे सैन्य नेतृत्व, शिक्षाविदों और उद्योग विशेषज्ञों के बीच सार्थक संवाद को बढ़ावा देने में इस आयोजन की सफलता सुनिश्चित हुई।
यह पहल भारतीय सेना की तकनीकी उन्नति के माध्यम से अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के साथ-साथ स्थायी प्रथाओं को अपनाने की प्रतिबद्धता पर जोर देती है। इस सेमिनार के परिणामों से भविष्य की सैन्य अवसंरचना विकास नीतियों और कार्यान्वयन रणनीतियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।