March 10, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर। 
 फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर लोगों को ब्लैकमेल करने और वसूली करने वाले गिरोह के खिलाफ एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। एसआईटी चीफ आईपीएस आशीष श्रीवास्तव ने सभी सदस्यों के साथ इसकी पहली बैठक की है। एसआईटी का दफ्तर क्राइमब्रांच में बनाया गया है।
यहां पर कोई भी सदस्य फर्जी मुकदमे दर्ज कराने वाले गिरोह के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। इसके साथ ही ई-मेल, फोन और वॉट्सऐप से भी कोई भी सूचना दे सकता है।
भारतीय जनता पार्टी के मिश्रिख लोकसभा से सांसद अशोक रावत के एक पत्र ने कानपुर में हलचल मचा दी है। पत्र में लिखी शिकायत के मुताबिक कानपुर में एक ऐसा गिरोह सक्रिय है जो शहर में जमीनों पर कब्जे और अपराध कराता है। इसके साथ ही फर्जी एफआईआर दर्ज कराने का उद्योग चला रहा है।
सांसद ने कहा है कि शहर में कई सफेदपोश गैंग और माफिया सक्रिय हैं। जमीनों पर कब्जा करने के लिए यह गिरोह लोगों के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के फर्जी मुकदमे दर्ज करा रहे हैं। मुकदमा दर्ज होते ही दूसरे पक्ष पर समझौते का दबाव डालते हैं। सांसद ने इस गिरोह की जांच और कार्रवाई के लिए पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार से मांग की थी।
सांसद के पत्र पर पुलिस कमिश्नर ने एसआईटी का गठन किया था, एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसकी पहली बैठक एसआईटी प्रमुख आईपीएस आशीष श्रीवास्तव ने एसआईटी के सभी सदस्यों के साथ की। इसके साथ ही जांच के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं।
एसआईटी प्रमुख ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इस गिरोह के खिलाफ अपनी शिकायत ई-मेल, फोन और वॉट्सऐप के साथ ही क्राइमब्रांच के दफ्तर में आकर दर्ज करा सकता है। उनके पास गिरोह से जुड़े कई अहम इनपुट आना शुरू हो गए हैं। इन सभी तथ्यों की जांच-पड़ताल शुरू कर दी गई है। एक-एक सूचना को वेरिफाई करने का काम शुरू कर दिया गया है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने सबसे ज्यादा कोर्ट के आदेश पर झूठे मुकदमे दर्ज कराए हैं। इसके बाद ब्लैकमेल करके अपना काम पूरा करने के बाद समझौता कराया है। एक-एक वादी और आरोपियों को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया जा रहा है।