March 10, 2025

—बेहतर गुणवत्ता वाली चीनी उत्पादन के लिए तकनीक विकसित करेंगे।

आ स. संवाददाता 

कानपुर। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ के सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया हैं। उन्होंंने पद संभालते ही कहा कि मेरा प्रयास कम लागत, प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल प्रक्रियाओं के माध्यम से बेहतर गुणवत्ता वाली चीनी के उत्पादन के लिए नवीन तकनीकों को विकसित करना हैं।
भारतीय चीनी उद्योग को टिकाऊ चीनी उत्पादन सुनिश्चित करने में मदद करना होगा। प्रो. मोहन ने कहा, सह उत्पादों और कचरे का उपयोग करके विविध उत्पाद पोर्टफोलियो विकसित करना भी मेरे एजेंडे में शीर्ष पर रहेगा।
डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने सल्फर-रहित बेहतर गुणवत्ता वाली सफेद चीनी का उत्पादन करने के लिए अपनी निगोही,शाहजहांपुर इकाई में पायलट प्लांट परीक्षण करने के लिए प्रो. मोहन के साथ हाथ मिलाया है।
सल्फर-रहित चीनी उत्पादन की पारंपरिक प्रक्रिया में फॉस्फोरिक एसिड, रंग अवक्षेपक, चूना और आयन-एक्सचेंज रेजिन का उपयोग किया जाता है, जिससे उत्पादन की लागत बढ़ जाती है, जबकि इस नवीन प्रक्रिया में, केवल चूने और कार्बन डाइऑक्साइड गैस का उपयोग किया जाता है। गैस लगभग मुफ्त उपलब्ध होगी और इस प्रकार इनपुट रसायनों की लागत बहुत कम होगी।
डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक कुलदीप कुमार ने कहा कि हमें विश्वास है कि ऐसी चीनी थोक उपभोक्ताओं, विशेष रूप से पेय और फार्मास्युटिकल उद्योग के लिए पहली पसंद होगी। इस प्रकार की चीनी मूल्य प्रीमियम भी अर्जित करेगी।
डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड के मुख्य परिचालन अधिकारी पंकज रस्तोगी ने कहा कि हम कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कैप्चर करके, जो अन्यथा वायुमंडल में चली जाती है, पर्यावरणीय मुद्दे को संशोधित करते हुए कम लागत पर बेहतर गुणवत्ता वाली चीनी का उत्पादन करने का लक्ष्य हासिल करने के प्रति आश्वस्त है। हमारी कंपनी प्रो. मोहन के साथ इस प्रक्रिया का पेटेंट दाखिल करेगी।