February 23, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  सिविल लाइंस स्थित नजूल की एक हजार करोड़ रुपए की बेशकीमती जमीन के मामले में जेल गए कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के करीबी सुनील शुक्ला के खिलाफ भी पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है। इस मामले में जल्द ही पुलिस आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी। वर्तमान में आरोपी के पास हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे हैं। पीएफ घोटाले में सुनील शुक्ला का नाम बाद में पुलिस द्वारा की गई विवेचना में सामने आया था।
28 जुलाई 2024 को नजूल की जमीन कब्जाने के प्रयास में पुलिस ने अवनीश दीक्षित को जेल भेजा था। जब इस मामले में जांच पड़ताल की गई तो पुलिस को अवनीश के बैंक खातों में हुए ट्रांजेक्शन में सुनील शुक्ला का नाम मिला। जिसने उसके खाते में 30 लाख रुपए की रकम ट्रांसफर की थी। जांच जब और आगे बढ़ी तो पता चला कि अवनीश के घर का सदस्य सुनील शुक्ला द्वारा बनाई गई बालाजी कम्पनी में निदेशक भी है। गहराई से जांच होने पर पीएफ घोटाले का जिन्न भी सामने आ गया।
12 सितंबर 2022 को कर्मचारी भविष्य निधि की प्रवर्तन अधिकारी वंदना पांडेय ने ललित गुप्ता और मुकुल चौबे के खिलाफ काकादेव थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि कई संविदा कर्मियों को फर्जी दर्शाते हुए उनका पैसा निकाल लिया गया है। इस मामले में 90 लाख रुपए का घोटाला हुआ था। जिसमें कर्नलगंज पुलिस ने आरोपी मुकुल चौबे को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और 22 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी मगर इसमें सुनील शुक्ला या उसकी कम्पनी बालाजी का नाम ही नहीं था।
नजूल की जमीन की जांच करते हुए जब यह तथ्य सामने आए तो पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट दी और अधिकारियों द्वारा मामले में पुन विवेचना शुरू कर दी गई। तब पुलिस को पता चला कि जब घोटाले का खुलासा हुआ था तब तक केस्को से बालाजी कम्पनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया था और विवेचना में तब के पुलिस कर्मियों की सांठगांठ से सुनील शुक्ला का नाम उजागर ही नहीं हुआ।
पीएफ घोटाले की जांच करते हुए पुलिस ने नगर निगम से बालाजी कम्पनी द्वारा रखवाए गए संविदा कर्मियों की सूची मांगी। कई बार रिमाइंडर देने के बाद भी नगर निगम ने सूची उपलब्ध नहीं कराई। सिर्फ नाम ही दिए गए। संविदा कर्मियों का पता और खाता संख्या नहीं दिया गया। इसके बाद पुलिस ने केस्को से पत्राचार किया तो उनकी तरफ से 75 संविदा कर्मियों की सूची पुलिस को सौंप दी गई। यहीं से जांच की सच्चाई खुलकर सामने आ गई। पुलिस ने जब 75 लोगों का सत्यापन किया तो उसमें से ज्यादातर फर्जी निकले।
ज्वाइंट सीपी विपिन मिश्रा ने बताया कि मामले में पुलिस टीम की विवेचना लगभग पूरी हो चुकी है। 75 कर्मियों की जो सूची मिली थी उसके आधार पर चार्जशीट तैयार कर ली गई है। जल्द ही उसकी समीक्षा करने के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करा दी जाएगी।