
आ स. संवाददाता
कानपुर। पैतृक सम्पत्ति को लेकर भाई ही अपने भाई का दुश्मन बन गया। बड़े भाई ने छोटे भाई पर अपने बेटे और गुर्गों से हमला करा दिया। इतना ही नहीं भाई को धमकी भी दी कि अगर परिवार को जिंदा देखना चाहता है तो पैतृक सम्पत्ति पर अपना हक छोड़ दो। इस मामले में पीड़ित ने पुलिस से शिकायत दर्ज कराई, मगर पुलिस ने सुनवाई नहीं की। उसके बाद उसने सीएमएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट के आदेश पर इस मामले में रेलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
मूल रूप से बजरिया पक्का तालाब इटावा निवासी राजेन्द्र सिंह सलूजा हरजेंदर नगर चकेरी में रहते हैं। उनके मुताबिक इटावा में उनका पैतृक मकान है। पिता रावेल सिंह का स्वर्गवास 14 सितम्बर 2010 में हो गया था। राजेन्द्र के मुताबिक उनके बड़े भाई हरविंदर सिंह, भतीजे मंदीप सिंह, करनदीप सिंह और उसका साथी वीर सिंह उनके पैतृक मकान को हड़पने का षड्यंत्र रचने लगे। इसके लिए आरोपियों ने राजेन्द्र सिंह को परेशान भी किया और धमकाया भी।
राजेन्द्र के मुताबित वो आवश्यक कार्य से चंदारी स्टेशन गए थे। उसी दिन वो स्टेशन से वापस अपने मित्र गुरदीप सिंह के साथ आ रहे थे। वो लोग जैसे ही चंन्दारी स्टेशन से जीटी रोड वाले रास्ते पर ट्रांसफार्मर के पास पहुंचे। तभी मंदीप सिंह, करनदीप व वीर सिंह ने उन्हें घेर लिया और भद्दी-भद्दी गालियाँ देते हुये सामने आ गए। राजेन्द्र ने विरोध किया तो आरोपियों ने हाकी से राजेन्द्र को मारना शुरू कर दिया। राजेन्द्र ने भागने का प्रयास किया तो वो गिर गया। पास खड़े चार पहिया वाहन से हरविन्दर सिंह उतरकर आ गये और भद्दी भद्दी गालियाँ देते हुये पैरों से राजेन्द्र को मारापीटा।
राजेन्द्र के मुताबिक आरोपियों ने उनका पांच हजार का चश्मा तोड़ दिया और जेब में रखे 3500 रुपए लूट लिए। उन्होंने धमकी दी कि इटावा का मकान भूल जाओ वरना जान से मारे जाओगे। राजेन्द्र के मुताबिक उसने पुलिस से शिकायत की मगर सुनवाई नहीं हुई।
इंस्पेक्टर रेलबाजार के मुताबिक मामले में कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले में जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।