
आ स. संवाददाता
कानपुर। सरकार ने लोगों को किफायती दामों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए हर सरकारी अस्पताल में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र का निर्माण कराया है। जहां से मरीजों को बहुत कम रेट में दवा उपलब्ध रहती है। कानपुर के अस्पतालों का टेंडर पिछले हफ्ते ही समाप्त हुआ है। दोबारा से रि-टेंडर भी हुआ है, लेकिन कानपुर के कॉर्डियोलॉजी में जन-औषधि केंद्र न खुलने के कारण मरीजों की जेब में डाका पड़ रहा है।
प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना में एक है प्रधानमंत्री जन औषधि योजना। सरकार का मकसद है कि इससे हर वर्ग को सस्ती दर में दवा उपलब्ध हो सके।
इन दिनो ह्रदय रोग संस्थान के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर वालों की बल्ले-बल्ले है। मरीजों को मजबूरी में कई गुना महंगी दवाइयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है। ओपीडी से बाहर आते ही मेडिकल स्टोर के दलाल सक्रिय हो जाते है। खुले आम वह मरीजों को छूट का लालच देकर उन्हें मेडिकल स्टोर का विजिटिंग कार्ड पकड़ा देते है।
एक तरफ मोदी सरकार जन औषधि केंद्र का प्रचार प्रसार करने में लगी है तो वहीं दूसरी तरफ कार्डियोलॉजी अस्पताल में मेडिकल स्टोर को ऐसी जगह पर खोला गया है, जहां पर तीमारदारों को मेडिकल स्टोर नजर ही नहीं आता है, जबकि अन्य मेडिकल स्टोर खुली जगह पर बनाए गए है।
अस्पताल के सीएमएस डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार ने बताया कि मेडिकल स्टोर का टेंडर खत्म हो गया है। ये टेंडर शासन से ही खत्म किया गया है। मेडिकल स्टोर कहाँ-कहाँ खुलने है, ये शासन ही निर्धारित करता है। इस बार शासन ने जो लिस्ट जारी की है – उसमें कानपुर कार्डियोलॉजी का नाम नहीं है। इसलिए जन औषधि केंद्र यहां नहीं खुल सकता है।