March 14, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर।  सीएसजेएम विश्वविद्यालय में चल रहे रसायन और पेट्रोकेमिकल्स औद्योगिक सुरक्षा पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू पर सीएसजेएम विश्वविद्यालय के  कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक और सीआईपीईटी के महानिदेशक प्रो. शिशिर सिन्हा ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर सीएसजेएम विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. अनिल कुमार यादव, सीआईपीईटी लखनऊ के प्रधान निदेशक और प्रमुख डॉ. एस. एन. यादव, केमिकल इंजीनियरिंग विभागों और सीआईपीईटी लखनऊ के संकाय सदस्य उपस्थित थे।  

सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी भारत सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है, जो प्लास्टिक, पॉलिमर और पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कौशल विकास, प्रौद्योगिकी सहायता, शैक्षणिक, प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास गतिविधियों में लगा हुआ है। यह संस्थान 45 स्थानों पर केंद्रों के साथ हब और स्पोक मॉडल पर काम करता है।  इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक, पॉलिमर, केमिकल इंजीनियरिंग और मैटेरियल साइंस पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और विज्ञान के क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति के विकास और वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक तालमेलपूर्ण ढांचे को बढ़ावा देना है। समझौता ज्ञापन के दायरे में संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं, विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम, संकाय और छात्र विनिमय पहल, छात्र इंटर्नशिप कार्यक्रम और अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और संसाधनों तक पहुंच शामिल है। पॉलिमर विज्ञान, मैटेरियल इंजीनियरिंग और पेट्रोकेमिकल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उद्योग-संबंधित कौशल विकास और अनुसंधान नवाचार। यह साझेदारी छात्रों को व्यावहारिक प्रदर्शन, व्यावहारिक अनुभव और उद्योग की अंतर्दृष्टि प्राप्त करने, उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने और उन्हें पेट्रोकेमिकल्स, प्लास्टिक और संबंधित क्षेत्रों में गतिशील करियर के लिए तैयार करने में सक्षम बनाएगी।

प्रो. शिशिर सिन्हा ने इस सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि उद्योग के अनुभव के साथ अकादमिक विशेषज्ञता को एकीकृत करके, हम प्रभावशाली प्रशिक्षण कार्यक्रम और अनुसंधान पहल बना सकते हैं जो क्षेत्र में बेहतर सुरक्षा मानकों में योगदान देंगे।

कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने  कहा कि सीआईपीईटी और सीएसजेएमयू के बीच यह सहयोग रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्रों में औद्योगिक सुरक्षा अनुसंधान और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो भविष्य की संयुक्त पहल और कौशल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करता है। उन्होंने बताया कि छात्रों के लिए उद्योग-अकादमिक साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय  प्रतिबद्ध2025 है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इस तरह की पहल छात्रों और शिक्षकों को व्यावहारिक ज्ञान और उद्योग अनुभव से लैस करने के सीएसजेएमयू के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन रासायनिक और पेट्रोकेमिकल सुरक्षा के प्रमुख पहलुओं पर विशेषज्ञों के नेतृत्व में सत्र आयोजित किए गए, जिनमें  डॉ. बृष्टि मित्रा, डॉ. प्रवीण भाई पटेल, डॉ. आलोक कुमार, डॉ. अभिषेक चंद्रा, डॉ. अरुण गुप्ता व कई संकायों के छात्र और शिक्षक मौजूद रहे।