संवाददाता।
कानपुर। नगर में पहाड़ी क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने के कारण गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। जिसके चलते नगर में 20 दिन बाद बाढ़ का खतरा फिर से मंडराने लगा है। गंगा नदी चेतावनी बिंदु 113 मीटर को पार कर खतरे के निशान 114 मीटर से भी ऊपर बह रही हैं। वहीं बुधवार को कानपुर से सटे शुक्लागंज में बाढ़ का पानी 7 मोहल्लों में घुस गया। मोहल्लों में करीब 1 फीट तक पानी बढ़ गया है। लोगों के आने-जाने के लिए नाव चल रही हैं। नगर में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हर घंटे 1 सेमी. की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा बैराज पर बुधवार सुबह जलस्तर खतरे के निशान 114 मीटर को पार कर 114.12 मीटर तक पहुंच गया है। मंगलवार रात से बुधवार सुबह 10 बजे तक 12 सेमी. जलस्तर में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। बीते 36 घंटे की बात करें तो गंगा का जलस्तर 29 सेमी. तक बढ़ गया है। जिस तरीके से गंगा ने रौद्र रूप दिखाना शुरू किया है, इससे साफ हो गया कि 2010 में आई बाढ़ फिर से कानपुर में आ सकती है। सिंचाई विभाग के अधिकारी भी इससे इनकार नहीं कर रहे हैं। जलस्तर बढ़ने के साथ बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट कर दिया गया है। वहीं नगर के निचले इलाके चैनपुरवा में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे हालात तेजी से बिगड़ना शुरू हो गए हैं। वहीं घाटों पर भी फिर से सतर्कता बढ़ा दी गई है। गंगा बैराज के सभी 30 गेट खोल दिए गए हैं। कानपुर में जलस्तर मेंटेन के लिए भारी मात्रा बैराज से पानी छोड़ा जा रहा है। बैराज से 3 लाख 39 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं नरौरा डैम से 2 लाख 9 हजार और हरिद्वार से 2 लाख 10 हजार क्यूसेक मंगलवार को छोड़ा गया है। नरौरा और हरिद्वार से लगातार भारी मात्रा में पानी गंगा बैराज की तरफ छोड़ा जा रहा है। वहीं बीते 24 घंटे की बात करें तो 17 सेमी. तक जलस्तर बढ़ गया है। शुक्लागंज में भी गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण खतरे के निशान 113 मीटर से 56 सेंटीमीटर दूर हैं। वहीं जलस्तर बढ़ने से शुक्लागंज के श्री नगर, रविदास नगर, इंद्रा नगर, शक्ति नगर, मनोहर नगर में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके अलावा तटवर्ती इलाकों में कर्बला, हुसैन नगर, शाही नगर, सैयद कंपाउंड, चंपा पुरवा, तेजी पुरवा, मनसुख खेड़ा में बाढ़ का पानी 1 फीट तक चढ़ गया है। गंगा का जलस्तर बीते 1 हफ्ते से लगातार बढ़ रहा है। 9 अगस्त को जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा में पुराना कानपुर के सरयू पुरवा में 2 मकान गंगा में समा गए थे। इसको देखते हुए प्रशासन ने गांवों को अलर्ट जारी कर दिया है। चैनपुरवा में गांवों को खाली करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। वहीं गंगा किनारे और घाट किनारे रह रहे लोगों को हटाया जाना शुरू कर दिया गया है।