February 22, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर। आईआईटी कानपुर के रणजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र ने एक डिज़ाइन डेवलपमेंट सेंटर, कला ग्राम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य नवाचार के माध्यम से पारंपरिक शिल्प को संरक्षित और पुनर्जीवित करना है। यह केंद्र कारीगरों के लिए नई सामग्री, तकनीक और बाज़ार के रुझानों का पता लगाने के लिए एक केंद्र के रूप में काम करेगा, जो उत्पादों का सह-निर्माण करने के लिए शीर्ष संस्थानों के युवा डिजाइनरों के साथ सहयोग को बढ़ावा देगा। 

इस केंद्र के उद्घाटन के अवसर पर निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि रणजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र में कला ग्राम का शुभारंभ पारंपरिक कारीगरों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आईआईटी कानपुर के संकाय और बाहरी विशेषज्ञों को एक साथ लाकर, हमारा उद्देश्य ग्रामीण कारीगरों के शिल्प कौशल को बढ़ाना और उनके उत्पादों को अधिक मूल्यवान बनाना है।

यह केंद्र बिठूर की मिट्टी के बर्तन, कालपी के हस्तनिर्मित कागज और कानपुर के घरेलू सामान पर ध्यान केंद्रित करेगा। 

आरएसके की परियोजना कार्यकारी अधिकारी रीता सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य नए डिजाइन को प्रस्तुत करके इन शिल्पों को पुनर्जीवित करना, कारीगरों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना तथा उनके उत्पादों में नया आकर्षण लाना है।

कला ग्राम की कोऑर्डिनेटर डॉ. मोनिका ठाकुर ने बताया कि यह केंद्र कारीगरों को नए औजारों और तकनीकों का प्रयोग करने, बाजार के रुझान जानने और पैकेजिंग रणनीतियों को सीखने के लिए एक मंच प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि डिजाइन संस्थानों और स्टूडियो के सहयोग से कारीगरों के उत्पादों को नई पहचान मिलने में सुविधा होगी। 

इस समारोह में डीन ऑफ रिसोर्सेज एण्ड एल्युमनाइ प्रो. अमेय करकरे, डिजाइन विभाग के प्रमुख प्रो. सत्यकी रॉय, डिजाइन परियोजना के सह-पीआई प्रो. सुधांशु एस सिंह, प्रो. अमरेंद्र के सिंह और मैटेरियल साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. कल्लोल मंडल शामिल थे।