February 5, 2025

आ स. संवाददाता 

कानपुर।  पॉश इलाके तिलक नगर में एक कारोबारी परिवार का झगड़ा सड़कों पर आ गया। कारोबारी की मुंबई से आई भाभी ने कोहना थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। महिला का आरोप है कि देवर ने उन्हें उनके पैतृक मकान में नहीं घुसने दिया। उनका आरोप था कि पैतृक घर में कब्जा करने के लिए फर्जी दस्तावेज भी बनाए हैं। भाभी वहां से वापस लौट गई और मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस के मुताबिक मामले में जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
मुंबई निवासी रीता कपूर अपने पति प्रवीण कपूर की पैतृक प्रॉपर्टी बंगला नं. 7/24, तिलक नगर गई थी। रीता के मुताबिक यह प्रॉपर्टी उनके पति का पैतृक घर है। उनके मुताबिक बंगले का मुख्य गेट बंद था। उन्होंने चौकीदार को बताया कि वो बंगले में रहने वाले शरद कपूर की भाभी है और अपने हिस्से को देखने आई हैं।
रीता के मुताबिक चौकीदार ने उनसे कहा कि वो रुके, वो अंदर साहब से पूछकर आता है। मगर चौकीदार लौटा ही  नहीं। उन्होंने बहुत इंतजार किया और उसके बाद वापस लौट गई। रीता का आरोप है कि उन्हें प्रॉपर्टी में नहीं घुसने दिया गया। रीता कपूर के मुताबिक यह संपत्ति 1946 में पति के दादा स्व. सिद्ध गोपाल कपूर और उनके भतीजे स्व. अमरनाथ कपूर ने खरीदी थी।
इंस्पेक्टर कोहना अवधेश कुमार ने बताया की मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है। दोनों पक्षों के दस्तावेज देखने के साथ जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
रीता का आरोप है कि देवर शरद कपूर और उनके परिवार ने वसीयत में हेराफेरी की और फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इन दस्तावेजों का उपयोग संपत्ति पर अवैध कब्जा करने के लिए किया गया। पति के हिस्से की संपत्ति और उनके व्यक्तिगत सामान पर जबरन कब्जा कर लिया गया। शरद कपूर ने मकान के बाहर लगी पैतृक नाम पट्टी को रंग दिया, जिससे अन्य कानूनी उत्तराधिकारियों के नाम और अधिकार छिपाए जा सकें।
पति के माता-पिता की मृत्यु भी संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी। उनका अंतिम संस्कार जल्दबाजी में किया गया था।
इस बंगले का एक बड़ा हिस्सा किदवई नगर निवासी नीतू जैन को बेचा गया था, इस बिक्री में शरद कपूर ने अन्य कानूनी वारिसों को नजरअंदाज किया था, लेकिन बाद में यह एग्रीमेंट निरस्त हुआ था।