February 5, 2025

आ स. संवाददाता 
कानपुर।
  चर्चित हाई प्रोफाइल 10वीं  छात्र कुशाग्र कनोडिया हत्याकांड में मृतक का परिवार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कुशाग्र की हत्या में शामिल ट्यूटर रचिता वत्स को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद उसके पिता मनीष कनोडिया ने जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर नोटिस जारी करने के आदेश भी दे दिए हैं। इस मामले में अब अगली सुनवाई 14 फरवरी 2025 को होगी।
रायपुरवा निवासी मनीष कनोडिया के बेटे और दसवीं के छात्र कुशाग्र कनोडिया की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद भी आरोपियों ने इस मामले में मृतक के अपार्टमेंट में जाकर फिरौती का एक पत्र गार्ड को सौंपा था।
रायपुरवा पुलिस ने मामले में ट्यूशन टीचर रचिता वत्स, प्रभात शुक्ला और शिवा गुप्ता को आरोपी बनाया था। तीनों के खिलाफ अपहरण और हत्या की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
कुशाग्र कनोडिया के चाचा सुमित कनोडिया ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी तरफ से यही गुहार लगाई गई है कि घटना में रचिता वत्स पूरी तरह शामिल थी। घटना वाले दिन वो दोपहर में घटना स्थल पर गई थी। आरोपी ने फिरौती का पत्र घर भेजने के बाद उसी के यहां स्कूटी खड़ी की थी। रचिता घर की आर्थिक स्थिति के बारे में अच्छे से जानती थी और वही प्रभात को रेकी कराने के लिए लाई थी। 
कुशाग्र की ट्यूशन टीचर रचिता वत्स को पैसे की जरूरत  थी। प्रभात क्रिकेट पर सट्टा लगाने के दौरान बड़ी रकम हार गया था। जिस कारण काफी कर्जे में आ गया था और शिवा को उसने पैसे का लालच देकर अपने साथ मिला लिया था। जिसके बाद तीनों ने योजना बनाकर दसवीं के छात्र कुशाग्र की हत्या कर दी थी। 

मृतक कुशाग्र के चाचा सुमित कनोडिया के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट में उनके परिवार की तरफ से बहुत मजबूती से पक्ष रखा गया है।