आ स. संवाददाता
कानपुर। आईआईटी की यौन उत्पीड़न की शिकार छात्रा की तबीयत बिगड़ गई थी। आरोपी एसीपी मोहसिन खान को हाईकोर्ट से अरेस्टिंग स्टे मिलने के बाद पीड़ित छात्रा दिनभर रोती रही। बीच-बीच में चीख-चीख कर कहती रही कि मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया। मेरे पास मरने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। मैं बिल्कुल अकेली हो गई हूं।
आईआईटी छात्रा की यह हालत देख कर हॉस्टल के साथियों ने संस्थान प्रशासन को जानकारी दी। इसके बाद आईआईटी प्रशासन और पुलिस अफसरों ने छात्रा को घंटों समझाया। उसे भरोसा दिलाया कि उसकी पूरी मदद की जा रही है।
आईआईटी के डॉक्टरों ने छात्रा की काउंसिलिंग की। उसे समझाया गया कि पूरा संस्थान और पुलिस उसके साथ में है। तब जाकर उसकी स्थिति सामान्य हुई।
आईआईटी छात्रा ने 12 दिसंबर को एसीपी कलक्टरगंज रहे मोहसिन खान पर शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न की एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके बाद तत्काल प्रभाव से एसीपी को पुलिस हेडक्वार्टर अटैच कर दिया गया था।
मामले की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। टीम को डीसीपी साउथ अंकिता शर्मा लीड कर रही हैं। 19 दिसंबर को हाईकोर्ट ने मोहसिन को अरेस्टिंग स्टे देकर अगली सुनवाई तक चार्जशीट लगाने पर रोक लगा दी थी। इससे छात्रा को गहरा सदमा लगा है।
छात्रा का कहना है कि आरोपी एसीपी को अरेस्टिंग स्टे मिला है जिससे अब वह जांच को प्रभावित करेंगे। साथ ही मेरे खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज करा सकते हैं। एसीपी काे बचाने के लिए पूरा सिस्टम काम कर रहा है। मेरी लड़ाई आसान नही है।
मुकदमा दर्ज होने वाले दिन 12 दिसंबर की देर रात छात्रा का कल्याणपुर सीएचसी में मेडिकल कराया गया था। 10 बजे रात में छात्रा को लेकर पुलिस कल्याणपुर सीएचसी पहुंची। जहाँ पर 2 घंटे तक छात्रा का मेडिकल हुआ।
छात्रा की शिकायत पर आरोपी एसीपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अगर एसीपी पर आरोप सही साबित होता है, तो उन्हें दस साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।