— पार्षद दल के नेता की अगुवाई में महापौर और नगर आयुक्त से की शिकायत
आ स. संवाददाता
कानपुर। नगर निगम कानपुर में गठित प्रवर्तन दल और पार्षदों के बीच अक्सर विवाद होते रहते है। ताजा मामला प्रतिबंधित पॉलीथिन लेकर जा रहे ई-रिक्शा को छोडने को लेकर हो गया। ई-रिक्शा छोडने की मांग करने पहुंचे पार्षदों और प्रवर्तन दल प्रभारी रिटायर्ड कर्नल आलेक नारायन के बीच विवाद हो गया। काफी देर तक दोनों पक्षों में हंगामा होता रहा। इस दौरान पार्षदों ने विरोध जताकर नारेबाजी की और प्रकरण की लिखित में शिकायत की है।
भाजपा पार्षद दल के नेता नवीन पंडित ने बताया कि वह लोग नगर निगम परिसर के बाहर पार्षदों के साथ खडे आपस में चर्चा कर रहे थे, इसी दौरान एक ई-रिक्शा वाला आकर रोने लगा। कहा कि वह गरीब आदमी है उसका ई-रिक्शा कुछ सामान के साथ नगर निगम प्रवर्तन दल ने पकड लिया है और 10 हजार रूप्ए की मांग कर रहे हैं। बताया कि वह किराए का ई-रिक्शा चलाकर परिवार पालता हूं। उसकी बात सुनकर वह और साथी पार्षद नीरज कुरील, आकर्ष बाजपेई, अभिनव शुक्ला, आनंद शुक्ला, अमित गुप्ता के साथ प्रवर्तन अधिकारी से मिलने गए और ई-रिक्शा छोडने का आग्रह किया। इसी बीच आरोप हैं कि 20-25 लोग आकर गाली गालौज करने लगे। नगर निगम को गाली देते कहने लगे कि हमे ऐसी चोर संस्था में नौकरी नहीं करनी है। नवीन पंडित ने बताया कि पूर्व में प्रवर्तन दल के द्वारा अभद्रता की जा चुकी है। नगर आयुक्त को पत्र भेजकर समस्त पार्षदों ने मांग की है
कि रिटायर्ड कर्नल आलोक नारायन और अन्य अभद्रता करने वालों की सेवाएं समाप्त की जाएं। पार्षदों ने कहा कि अगर न्याय न मिला तो वह आंदोलन करेंगे। वहीं, देर शाम मेयर कार्यालय ने भी कहा कि इस तरह से प्रकरण संज्ञान में आया है। मेयर ने भी पार्षदों की मांगों का समर्थन किया।
प्रतिबंधित पॉलीथिन के साथ ई-रिक्शा पकडा गया था, उसको छोडने के लिए अनर्गल दबाव पार्षदों के द्वारा बनाया गया। इस दौरान कहासुनी दोनों पक्षों से हुई, किसी पार्षद से कोई अभद्रता नहीं की गई है। जब कि पकडा गया ई-रिक्शा को जबरन छोड दिया गया है। पूरे प्रकरण से उच्चाधिकाधिकारियों को अवगत कराया गया है। इस तरह से प्रवर्तन दल का काम करना मुश्किल है।
– प्रवर्तन प्रभारी आलोक नारायन