February 4, 2025

आ स. संवाददाता

कानपुर। गोविन्द नगर के एक बेरहम कारोबारी ने बच्चे से सारे काम कराए यहां तक कि घर का टॉयलेट भी धुलवाया। सताये गए बच्चे के माता-पिता ने बताया कि बच्चे को ताऊ और दलाल ने मिलकर महज 30 हजार में बेच दिया था।

गोविंद नगर थाने पहुंची मां संगीता अपने बच्चे की एक झलक पाने की आस में इधर-उधर देखती रही, फिर फफक कर रोने लगी…। उसे थानेदार ने बताया कि बच्चे को चाइल्ड लाइन में रखा गया है, इसलिए सुबह ही मुलाकात हो पाएगी।
इसके बाद मां ने बताया कि उसका परिवार वर्तमान में हरियाणा में रहता है। मेरे बच्चे के पारिवारिक ताऊ के बेटे शिव महतो और दलाल पप्पू दोनों दोस्त हैं। दोनों ने तीन महीने पहले कर्ज में डूबे पति को सहारा देने का भरोसा दिलाकर बच्चे को नौकरी पर भेजने की बात कही थी, लेकिन मैंने साफ इनकार कर दिया था। मेरे पति भी इस बात को लेकर राजी नहीं थे। जब वह एक दिन घर से बाहर गई थी। तो ताऊ का बेटा मेरे बच्चे को बहला-फुसला कर घर से ले गया। उसके साथ दलाल भी था। जब बच्चा घर पर नहीं मिला तो मैंने ताऊ से पूछा तो उसने कहा कि नौकरी पर लगा दिया है। हम भी कुछ निश्चिंत हो गए थे। 

हमें बताया गया कि कानपुर निवासी कारोबारी के यहां मेरा बेटा नौकरी कर रहा है। उनका नंबर भी मेरे पास था।जब रविवार को बेटे ने फोन किया और वो वह रोने लगा तो मुझे अनहोनी की आशंका लगी।
इस पर मैंने दलाल से बात की तो उसने कहा, तुम्हारा बेटा कभी नहीं आएगा। इसके बाद जब कारोबारी की पत्नी साक्षी से बात की तो उसने कहा कि अगर बच्चे को लेने आओगे तो पूरे परिवार को चोरी के इल्जाम में जेल भिजवा देंगे। इसके बाद हमने पुलिस से शिकायत की। पुलिस जांच में पता चला कि मेरे बच्चे को बेच दिया गया है।
बच्चे के पिता ने बताया कि मेरे ताऊ का बेटे शिव और दलाल पप्पू यादव ने मेरे साथ धोखा किया है। दोनों ने मेरे बेटे को नौकरी पर भेजने की बात कहकर उसे बेच दिया। मुझे सिर्फ 10 हजार रुपए ही एक बार में मिला था, इसके बाद एक रुपया नहीं दिया है।
मेरे भाई शिव और पप्पू दलाल ने रुपया लिया है। मेरे भाई और दलाल के बीच झगड़ा हुआ था, तो उसने बताया कि तुम्हारे बच्चे को बेच दिया है, अब कभी तुम्हें वापस नहीं मिल पाएगा। 

इसके बाद गोविंद नगर के कारोबारी के घर बेटे से बात की तो बच्चा फफक कर रोने लगा और घर आने की जिद करने लगा। इसके बाद साक्षी मैडम ने हमें चोरी में बच्चे को और पूरे परिवार को जेल भेजने की बात कही तब हमने पुलिस को सूचना दी।

बच्चे के पिता ने साफ-साफ बताया कि उन्हें बच्चे के काम के बदले में कोई रकम नहीं ली है। बहनों की शादी करने में 8 लाख रुपए कर्ज हो गया था। इतनी किश्तें हो गई कि उन्हें चुकाने के लिए कर्ज लेना पड़ा और पूरा परिवार बहुत आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था। इस दौरान बच्चे के ताऊ ने नौकरी का झांसा दिया था, लेकिन हम लोग राजी नहीं हो रहे थे। इसके बाद भी बच्चे को बगैर बताए घर से ले गया और दलाल के साथ मिलकर बेच दिया।

बच्चे को बंधक बनाकर मजदूरी कराने और बेरहमी से पीटने के मामले में आरोपी कारोबारी अंकित आनंद, साक्षी, सुनील मलिक और पप्पू यादव के खिलाफ मानव तस्करी, बंधक बनाकर मजदूरी कराने, मारपीट करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है।
इस मामले में जेल भेजे गए फर्नीचर कारोबारी के पिता सतीश आनंद ने बताया कि सहमति से बच्चे के पिता ने भेजा था। पुलिस अब माता-पिता पर दबाव बना रही और हैरेसमेंट कर रही है कि बयान बदलो।