
आ स. संवाददाता
कानपुर। इन दिनों अस्पतालों में दिल का दर्द समझकर कॉन्स्टिपेशन के मरीज अधिक आ रहे हैं। पिछले दो माह से इस तरह के मरीजों में इजाफा देखा गया है। कानपुर के कार्डियोलॉजी अस्पताल की ओपीडी में एक तिहाई मरीज ऐसे ही आ रहे हैं। ये दर्द ऐसा होता है जैसे दिल का दर्द। इसलिए इस दर्द को पहचान पाना मुश्किल होता है।
नगर के कार्डियोलॉजी अस्पताल के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि कॉन्स्टिपेशन के मरीज हर सीजन में आते हैं, लेकिन अब इन मरीजों की संख्या काफी तेजी बढ़ रही हैं। ये एक प्रकार की महामारी की तरह फैलता जा रहा है। हर ओपीडी में इन मरीजों की संख्या लगभग 30 प्रतिशत के आसपास रहती हैं।
डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि दिल का दर्द और कॉन्स्टिपेशन के मरीजों का दर्द एक जैसा होता है। इस लिए हर कोई इसे पहचान नहीं पाता है। दोनों में ही सीने में दर्द उठता है और ये दर्द धीरे-धीरे कंधे तक जाता है। इसमें बहुत दर्द उठता है। बीच-बीच में दर्द भयानक भी हो सकता है। जो दिल के मरीज है उनकी दवा चल रही होती है, जिसकी वजह से उन्हें कॉन्स्टिपेशन भी हो जाता है।
यदि कॉन्स्टिपेशन का दर्द किसी को हो रहा होता है तो वह दर्द सीने से कंधे तक ही जाता है। इसके अलावा आगे नहीं बढ़ता है, लेकिन दिल से संबंधित अगर दर्द है तो इसका दर्द सीने से उठता है और कंधे तक जाकर गर्दन में, फिर हाथ में और जबड़े में भी इसका दर्द पहुंच जाता है।
डॉ. नीरज ने बताया कि ये मर्ज लो फाइबर डाइट लेने के कारण ही होता है। आज कल लोग जंक फूड का सेवन और बाहरी चीजों का सेवन अधिक करते हैं। इस कारण ये मर्ज तेजी से फैल रहा है। समय पर खाना न खाना, पानी की मात्रा शरीर में कम होने और बीपी, शुगर की दवा का सेवन करने के कारण भी ये समस्या हो जाती हैं।