कानपुर। महज 15 मिनट में ग्रीनपार्क मैदान को सुखाकर किसी भी मैच को दोबारा शुरु करवाने का दावा करने वाले पिच क्यू रेटर को भारत- बांग्लादेश टेस्ट मैच के दौरान मैच आफिशियल्स ने खूब लताड लगायी। थर्ड और फोर्थ अम्पायरों ने मैच के पहले और दूसरे दिन पिच क्यूटरेटर को फटकार लगायी और उनसे उनके किए गए दावों पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया। ग्रीनपार्क मैदान में बीते दो दशकों से पिच निर्माण के साथ ही मैदान संचारने का काम करने वाले पिच क्यूरेटर ग्रीनपार्क टेस्ट की पहली पारी में थर्ड अम्पायर वीरेन्द्र् शर्मा के इशारों को नजर अन्दाज कर बैठे तो उनका पारा चढ गया। बतातें चलें कि शुक्रवार को मैच के पहले दिन मैदान न सूख पाने से मैच शुरु होने में देरी हो गयी जबकि गुरुवार को बारिश के दौरान पूरे मैदान को कवर कर दिया गया था। मौसम के बिगडे हालात के चलते मैच देरी से शुरु हुआ तो अम्पा्यरों का पारा थोडा नीचे आ गया था।जब 32वें ओवर में बारिश ने लय पकडनी शुरु की तो थर्ड अम्पायर ने पिच क्यूदरेटर को पिच कवर करने के लिए वॉकी –टॉकी इसके बाद फोन मिलाया लेकिन पिच क्यूरेटर शिवकुमार उनसे मुंह छिपाते भागते रहे। जब जोरों से बारिश ने लय पकडी तो मैदान को कवर करने के लिए सभी कर्मचारी तिरपाल उठाकर पिच की ओर भागे और उसको पूरी तरह से कवर करने का काम किया लेकिन तब तक पिच के साथ ही मैदान पर भी पानी अपनी जगह बना चुका था। यूपीसीए के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक बीसीसीआई के मुख्ये क्यूपरेटर आशीष भौमिक भी मैच आफिशियल्सं की फटकार का शिकार स्थाननीय स्तर के पिच क्यूरेटर के चलते बन ही गए। बतातें चलें कि विश्वी में मानवरूप में आधारित कवर को करने के लिए एक साथ 150 तक लोगों की आवश्यकता होती है जो शायद नही जान पायी कि उन्हे करना ही क्या है। पिच क्यूरेटर ने साल 2015 में ग्रीनपार्क मैदान सुन्दरीकरण के दौरान अपने अधिकारियों को यह साफ तौर बताया था कि बारिश चाहे जितनी भी हो जाए वह मैदान को मात्र 15 मिनट के बाद फिर से खेलने के लायक बना देंगे जिसके चलते उनको ग्रीनपार्क मैदान की जिम्मेदारी दी गयी थी।