कानपुर। पहाडों पर हो रही लगातार बारिश और पीछे से छोडा जा रहा लाखों क्यूसेक पानी यमुना नदी के जलस्तर को बढाने में सहायता प्रदान कर रहा है। कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से यमुना नदी उफान पर चल रही है। यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से प्रशासन अलर्ट मोड पर है। लगातार बढते जलस्तर से घाटमपुर के गांवों में बाढ़ का खतरा भी मंडराने लगा है। पुलिस प्रशासन ने नदी किनारे गांव के लोगों को एनाउंस करवाकर नदी किनारे से दूर सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा गया है। वहीं एसीपी और एसडीएम ने पहुंचकर हालत का जायजा लिया है। दो दर्जन किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गईं हैं। रविवार को यमुना नदी का जलस्तर बढ़ता देख घाटमपुर एसीपी रंजीत कुमार सिंह, घाटमपुर एसडीएम यादुवेंद्र सिंह वैश्य ने यमुना नदी के किनारे स्थित गांवों में जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने यहां पर माइक के जरिए एनाउंस करवाकर लोगों को यमुना नदी का जलस्तर खतरे में निशान को पार करने की जानकारी दी। इसके साथ ही लोगों को अपने बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रखने की बात कही। प्रशासन के द्वारा लोगो को यमुना नदी किनारे जाने से रोका गया है। बीते दिनो बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बेतवा के साथ ही यमुना नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से क्षेत्र के तटवर्ती गांव स्थित कटरी, काटर, गड़ाथा, अमिरतेपुर, कोटरा मकरंदपुर, बीरबल का अकबरपुर, बीबीपुर, रामपुर, असवारमऊ, लहुरीमऊ, संभुई समेत लगभग दो दर्जन गांव के किसानों की सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। वहीं लगातार बड़ रहे जलस्तर को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। यमुना तटवर्ती क्षेत्र के किसानों का चेहरा जलस्तर बढ़ने से मुरझा गया है। किसानों को अब चिंता सता रही है, कि जलस्तर बढ़ने से खेतों में बोई हुई उनकी फसल खराब हो जायेगी। बीते साल भी जलस्तर बढ़ने से दो दर्जन से अधिक गांवों की सैकड़ों बीघा फसल यमुना नदी का पानी भरने से बर्बाद हो गई थी। बीते साल तहसील स्तर से किसानों को मुआवजा मिला था। घाटमपुर तहसीलदार लक्ष्मीनारायण वाजपेई ने बताया की यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने की जानकारी मिलते लेखपाल को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं प्रशासन के द्वारा माइक के जरिए एलाउंस करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर रहने को कहा गया है। सभी स्थितियों से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है।