कानपुर। राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक और भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धनंजय कुमार सिंह कानपुर दौरे पर आए। उन्होंने बताया कि अमित शाह के नेतृत्व में भारत का सहकारिता आंदोलन भारत को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में लाने में अहम भूमिका अदा करेगा। 6 जुलाई 2021 को सहकारिता मंत्रालय का गठन प्रधानमंत्री ने किया और एक ऐसे व्यक्तित्व को उन्होंने मंत्री बनाया जिन्हें गुजरात में सहकारिता में काम करने का लगभग 30 वर्षों का विराट अनुभव रहा। अमित शाह को प्रधानमंत्री ने विभाग के पहले मंत्री के रूप में नियुक्त किया। सरकार से समृद्धि के नारे के साथ यह मंत्रालय काम कर रहा है। यही उसका ध्येय वाक्य है। ग्रामीण क्षेत्र, विशेष रूप से किसान, कृषि आधारित मजदूर और जो आर्थिक रूप से विपन्न है वह सफल हो। आर्थिक रूप से उनके हाथ में रोजगार, गांव में रोजगार को, जहां रह रहे हैं वहां कुछ छोटी-छोटी औद्योगिक इकाइयां बनाकर पूरे देश के पैक्स लिए आदर्श बायलॉज बनाया गया। देश के सभी राज्यों ने अपने यहां लेजिसलेशन में पास करके उसको मान लिया है और प्रभावी कर दिया है। इसका लाभ यह हुआ है कि साधन सहकारी समितियां पैक्स यह 300 से अधिक कार्य करने सक्षम हुई हैं जिसमें कॉमन सर्विस सेंटर एवं बड़े कार्य जैसे पेट्रोल पंप, हवाई जहाज और रेल के टिकट तक बुक करने की व्यवस्थाएं सम्मिलित हैं। जबकि पहले यह स्थिति थी कि छोटा से छोटा कोई नया काम करना हो तो भी निबंधक की अनुमति लेनी पड़ती थी। अब इसकी आवश्यकता नहीं है देशभर के एक लाख तीन हजार कार्यरत साधन सहकारी समितियां पैक्स को कंप्यूटरीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें अब तक साठ हजार समितियां को कंप्यूटराइज कर दिया गया है और शेष समितियां को भी अगले 6 महीने के अंदर कंप्यूटराइज करने की व्यवस्था बना ली गई है। इन पर कंप्यूटर पर काम करने वाले कर्मचारी और एफ पी ओ के रूप में यह साधन सहकारी समितियां पैक्स काम कर सके इसके लिए भी एक्ट में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। जिसके आधार पर इन पैक्स को एफ पी ओ की तरह आर्थिक संबल मिलेगा और गांव की समृद्धि के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य कर पाएंगे। गांव, गरीब और किसान तीनो को 2014 से जब से नरेंद्र मोदी की सरकार बनी है तब से इनको ही समृद्ध करने का लक्ष्य विशेष रूप से रहा है और सहकारिता के माध्यम से सहकारिता मंत्रालय के माध्यम से अमित शाह के बहुत ही प्रभावी और सरल नेतृत्व के द्वारा यह कार्य हो रहा है आने वाले वर्षों में भारत सहकारिता आंदोलन के द्वारा एक विकसित राष्ट्र की मजबूत नींव रख कर आगे बढ़ेगा। सहकारिता मंत्रालय भारत सरकार का एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपक्रम राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम है जो सभी सहकारी समितियां है उन सभी को आर्थिक मदद देता है, ऋण और अनुदान के रूप में और सरकार द्वारा दी जाने वाली सहायता की अभी इसकी कुछ विशेष योजनाएं जैसे युवा सहकार युवकों के रोजगार के लिए, नंदिनी सहकार महिलाओं के रोजगार के लिए विशेष रूप से शुरू की गई है। पहले इसकी व्यवस्था में राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम 3 साल कम से कम कार्यरत रहना चाहिए तभी यह ऋण देता था लेकिन युवा सहकार में अगर कोई सहकारी समिति 6 माह की भी है, 6 माह काम कर चुकी है तो उसको भी एक करोड़ तक का ऋण और अगर उसने 1 साल तक काम कर लिया है तो 2 करोड रुपए तक का ऋण उसको दिया जा सकता है। धनंजय सिंह ने सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के मद्देनजर स्थानीय लोगों से भी संपर्क किया। मोहित पाण्डेय, अनुराग निर्मल, मुकेश सिंह एवं राजकुमार साथ में रहे।