कानपुर। देश के सबसे बडे और संगठित कर्मचारियों के विभाग रेलवे में अब निजी हाथों ने कब्जा करना शुरु कर दिया है। नगर के एक निजी अस्पताल ने रेल यात्रियों की चिकित्सा सेवा के लिए रेलवे से अनुबन्ध कर लिया है। इस अनुबन्ध के तहत निजी अस्पताल के चिकित्सक सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रेल यात्रियों को प्राथमिक उपचार करेंगें जिसके लिए यात्रियों को 3 सौ रुपए का भुगतान करना होगा। अब रेलवे डॉक्टर मेडिको लीगल वाले मामलों में ही उपचार देंगे। यही नही अगर कोई मरीज गंभीर हालत में उनके पास आएगा तो निजी अस्पताल के डॉक्टर उसे नर्सिंग होम भी रेफर करने में कोताही नही बरतेंगे। वहां पर इलाज का भी खर्च यात्री को ही वहन करना पड़ेगा। सेंट्रल स्टेशन पर रेलवे डॉक्टरों की 24 घंटे सुविधा नहीं मिलती है। मेमो देने पर लोको अस्पताल से डॉक्टर आते हैं। लोको अस्पताल स्टेशन से एक किलोमीटर से अधिक की दूरी है। इस वजह से कई बार रेल यात्रियों को समय पर उपचार नहीं मिल पाता था। यात्रियों को चौबीस घंटे प्लेटफार्म पर उपचार देने के लिए मधुराज नर्सिंग होम प्रबंधन से अनुबंध किया गया है। सोमवार को प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित टीटी लॉबी हाल में अस्पताल प्रबंधन ने डिस्पेंसरी बनाने का काम शुरू करा दिया है। रेलवे अफसरों ने बताया कि अब रेल यात्रियों को प्राथमिक उपचार तत्काल मिलेगा पर इसके एवज में 3 सौ रुपए का भुगतान करना पडेगा ।