कानपुर। केस्को विभाग के कर्मचारियों के पीएफ खाते में करोडों के घोटाले के मुख्य आरोपी और प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष के बिजनेस पार्टनर सुनील शुक्ला उर्फ जीतू के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। यही नही पुलिस जल्द ही मुख्य आरोपी सुनील शुक्ला पर बडा इनाम घोषित करने और उनके खिलाफ कुर्की की कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रही है। सुनील शुक्ला पर कानपुर केस्को में कार्यरत कर्मचारियों के करोड़ों रुपए के पीएफ घोटाले का आरोप है। एफआईआर में पुलिस के नाम बढ़ाने के बाद से सुनील शुक्ला घर छोड़कर लगभग एक महीने से अधिक समय से फरार चल रहा हैं। डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि अशोक नगर निवासी सुनील शुक्ला उर्फ जीतू की कंपनी केस्को में संविदा कर्मचारियों की सप्लाई करती है। जीतू फर्जीवाड़ा करके अपनी कंपनी के जरिए काम करने वाले केस्को के संविदा कर्मचारियों का 90 लाख रुपए से ज्यादा का पीएफ की रकम हड़प गए। मामले में कर्नलगंज थाने में केस्को के अफसरों ने पीएफ घोटाले की एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन रसूख के चलते पुलिस ने अपनी जांच में मुख्य आरोपी होने के बाद भी जीतू शुक्ला का नाम बाहर कर दिया था। अवनीश दीक्षित सिंडिकेट पर एफआईआर दर्ज होने के बाद जांच शुरू हुई तो पीएफ घोटाला भी सामने आया और तथ्यों के आधार पर सुनील शुक्ला का नाम आरोपियों में बढ़ा दिया गया। इसके बाद से सुनील शुक्ला फरार चल रहा है। इसके चलते कर्नलगंज थाने की पुलिस ने सुनील के खिलाफ एनबीडब्ल्यू के लिए कोर्ट में पैरवी की थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सुनील शुक्ला के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी कर दिया। अगर सुनील हाजिर नहीं हुए तो जल्द ही कर्नलगंज पुलिस सुनील के घर पर कुर्की की कार्रवाई करेगी। इसके साथ ही जल्द ही पुलिस सुनील के खिलाफ इनाम भी घोषित करेगी। जेल में बंद प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित का जीतू शुक्ला पार्टनर है। जीतू ने बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री को अपने घर बुलाया था। इसके चलते जीतू के घर पर हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी। धीरेंद्र शास्त्री की कथा का भी आयोजन बहुत बड़े स्तर पर कराने की तैयारी की थी, लेकिन प्रयागराज में माफिया अतीक और अशरफ का मर्डर होने के बाद आयोजन पर रोक लग गई थी। इसके चलते कार्यक्रम नहीं हो सका था। इन दोनों कार्यक्रम के चलते ही जीतू शुक्ला का नाम कानपुर में सबसे ज्यादा चर्चा में आया था।