कानपुर। केस्को अब अपने ही विभाग के कर्मचारियों और इंजीनियरों को दी जानी वाली सहूलियतों में कटौती करने जा रहा है। कर्मचारी और इन्जीनियर अब एक मुश्त चार्ज पर असीमित बिजली का प्रयोग नही कर सकेंगे उनको भी सीमित संसाधन उपयोग के लिए मिल सकेंगे। इसके लिए केस्को ने एएमआइएसपी योजना के तहत 582 करोड़ रुपये के स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला किया है जिस कम्पनी ने अनुबन्ध किया है वह विभाग के कर्मचारियों और इन्जीनियरों से भी बिल की अदाएगी करवाएगी। कम्पनी के कर्मचारी आगामी 15 सितंबर से सरकारी कार्यालयों से फोर जी पोस्टपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू करेंगें। केस्को के अधिकारी इंजीनियर और कर्मचारी फिक्स चार्ज पर असीमित बिजली का प्रयोग करते आ रहे थे लेकिन स्माकर्ट मीटर लगने के बाद अब उनसे भी बिजली खर्च का हिसाब लिया जाएगा। केस्को 582 करोड़ रुपये के बजट से एएमआइएसपी (एडवांस मीटरिंग इंफ्राटेक्चर प्रोवाइटर) योजना के तहत स्मार्ट मीटर लगाने की योजना पर अमल करने जा रहा है।आगामी 15 सितंबर से सरकारी कार्यालयों से फोर जी पोस्टपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू होगा। यह मीटर केस्को कर्मियों के घर और कालोनियों में लगाए जाएंगे। अभी तक केस्को के अधिकारी,इंजीनियर और कर्मचारी फिक्स चार्ज पर अनलिमिटेड बिजली जलाते थे,लेकिन अब उनके बिजली खर्च का हिसाब रखा जाएगा।केस्को में लगभग 1100 सौ कर्मी हैं। जिनमें अधिकारियों के साथ ही इंजीनियर और सबस्टेशन के कर्मचारी हैं। इनके घरों में बिजली के मीटर नहीं लगे हैं। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी केवल 417 रुपये प्रतिमाह के शुल्क देकर अनलिमिटेड बिजली जलाते हैं। जबकि अधीक्षण अभियंता से लेकर अवर अभियंता 890 से 1560 रुपये का फिक्स चार्ज देकर बिजली खर्च का लाभ लेते हैं। इसके साथ ही एसी घर पर लगाने पर साढ़े छह सौ रुपये प्रतिमाह देना होता है। अब केस्कों कर्मियों के घरों में जलने वाली बिजली का हिसाब रखा जाएगा।केस्को प्रबंध निदेशक सैमुअल पान एन ने बताया- शहर में आगामी 15 सितंबर से साढ़े लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इस अभियान के दौरान केस्को कर्मियों के घरों में भी स्मार्ट मीटर लगेंगे। इससे बिजली कर्मियों को घर में कितनी बिजली खर्च हो रही है,उसका डेटा रखा जाएगा।