कानपुर। पेट की गंभीर बीमारी हार्निया का इलाज अभी तक जटिल आपरेशन के द्धारा ही किया जाता रहा है , नगर के हैलट अस्पताल में पहली बार इस बीमारी का आपरेशन फेसियोटेशन विधि से किया गया जो कि चिकित्सकों के दृष्टिकोण से सफल माना गया है। चिकित्सकों का दावा है कि प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में इस विधि से पहली बार किसी मरीज का ऑपरेशन किया गया है, आपरेशन वाला मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है। यह जानकारी हैलट अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन डॉ. जीडी यादव व डॉ. श्रद्धा वर्मा ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता के दौरान दी।उन्होंने बताया कि सीसामऊ निवासी 63 वर्षीय बुजुर्ग पेशे से सिलाई की मशीन की मरम्मत का कार्य करते हैं, जो पिछले 12 वर्षों से हर्निया से पीड़ित थे। काफी लम्बे समय से डॉक्टरों के संपर्क में थे, लेकिन हर्निया का आकार इतना बड़ा हो गया था कि वह पैर के घुटने तक पहुंच गया था। इसका आकार लगभग 30x20x15 सेमी. हो गया था, जिसका आयतन 5 से 6 लीटर तक पहुंच चुका था और एक बड़े तरबूज के आकार का हो गया था। सारी आंते पेट से उतरकर नीचे अण्डकोष में पहुंच गयी थीं। बड़े हर्निया के साथ मरीज को अपनी दिनचर्या में रोजमर्रा के काम-काज जैसे चलना, बैठना, अन्दरूनी कपड़े पहनना, सीढ़िया चढ़ना-उतरने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। मरीज अपनी समस्या के समाधान के लिये कई अस्पतालों में भटके परन्तु इतने बड़े हर्निया को देखकर डाक्टरों ने भी हांथ खड़े कर दिए। यहां तक एक बार मरीज को आपरेशन थियेटर से भी लौटना पड़ा।वह 26 अगस्त को हैलट अस्पताल के वरिष्ठ सर्जन एवं विभागाध्यक्ष डॉ. जीडी यादव के पास परामर्श के लिए आए। मरीज को भर्ती कर डॉ. यादव ने मरीज को एक दुर्लभ काम्पलैक्स पैन्टालून, रॉम्बर्ग हर्निया विद स्लाइडिंग कम्पनेंट नामक हर्निया का निदान प्रारम्भ किया। डॉ. यादव ने मरीज की समस्या समझकर अपनी सूझ-बूझ से मरीज को ओपेन हर्निया विधि द्वारा आपरेशन की सलाह दी, जिसमें डबल मेश एवं इंगुनाल फैसियोंटेंशन की आधुनिकतम तकनीक का उपयोग किया गया। डाक्टरों से मिली जानकारी के मुताबिक इस जटिल आपरेशन करने में करीब डेढ़ घण्टे का समय लगा।