लखनऊ/कानपुर । फुटबॉल को उत्तर प्रदेश के युवाओं के बीच लोकप्रिय बनाने की कवायद के तहत देश के दिग्गज फुटबॉल क्लबों मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच सोमवार शाम यहां खेले जाने वाला मैच आयोजकों की बदइंतजामी का भी गवाह बना।चिर प्रतिद्धंदी मोहन बागान और ईस्ट बंगाल के बीच मैच यहां शाम साढ़े छह बजे से हजरतगंज स्थित केडी सिंह बाबू स्टेडियम पर खेला जाना था जिसको देखने के लिये नवाब नगरी के फुटबॉल प्रेमी शाम साढ़े चार बजे से ही यहां जमना शुरु हो गये थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस निशुल्क प्रदर्शनी मैच का उदघाटन करना था जिसके चलते पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया था। स्टेडियम पर पार्किंग के लिये कोई स्थान निर्धारित नहीं होने के कारण वाहनो का प्रवेश शाम पांच बजे से ही निषेध कर दिया गया था। मैच के बाहर फुटपाथ पर पुलिसकर्मियों ने अपनी अवैध वाहन पार्किंग बना ली और वाहन से आने वाले फुटबॉल प्रेमियों को बैरियर लगा कर रोक दिया गया जिससे बड़ी संख्या में दर्शक आयोजकों को कोसते हुये स्टेडियम के बाहर से ही घर वापस होने को मजबूर हुये। बदइंतजामी का स्तर इस कदर था कि प्रेस प्रतिनिधियों के वाहनो को भी पुलिस अधिकारियों ने प्रवेश करने से रोक दिया और जब उनसे फुटपॉथ पर पार्क करने की मनुहार की गयी तो उनका जवाब था कि उन्हे साफ निर्देश मिले हैं कि उन्हे सिर्फ मुख्यमंत्री के लिये रास्ता साफ चाहिये और किसी भी वाहन का स्टेडियम अथवा फुटपाथ पर वाहन पार्क करना निषेध है।स्टेडियम के भीतर भी हालात अप्रिय दिखे। मुकाबले में दर्शक जुटाने के लिये हालांकि पोस्टर बैनर पर खेल विभाग ने जम कर पैसे लुटाये लेकिन मैदान में प्रवेश करने से वंचित हुये खेल प्रेमी उन्हे कोसते नजर आये। यहां तक कि प्रेस दीर्घा के लिये भी कोई निर्धारित स्थान न होने से पत्रकारों ने भी दर्शकों के बीच बैठ कर मैच कवर किया। रोमांचक मुकाबले के गवाह बनने से चूके दर्शकों ने स्टेडियम के बाहर पुलिस प्रशासन और आयोजकों की जमकर आलोचना की। इनमें अधिकतर का मानना था कि फुटबॉल की लोकप्रियता तभी बढ़ेगी जब प्रदेश के विभिन्न शहरों में इस स्तर की टीमों के बीच मुकाबलों की आवृत्ति में इजाफा हो मगर वीआईपी संस्कृति और मठाधीशों के चलते दर्शक शायद ही फुटबाल के मैदान को ओर रुख कर सकें।