कानपुर। छात्रों को फेल से पास करवाने वाले गैंग के सदस्यों का नेटवर्क और संजाल कानपुर विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग के भीतर तक फैला हुआ है। पुलिस ने गैंग के एक सदस्य् को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त करते हुए एक बार फिर से गैंग के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। कानपुर विश्वविद्यालय, में फेल को पास कराने वाले गिरोह का खेल काफी लंबे से समय से चल रहा था। गिरोह के सदस्यों के तार केवल स्टूडेंड सपोर्ट सेल तक ही नहीं सीमित थे बल्कि प्रशासनिक भवन तक उनका जाल फैला था। नौकरी पाने वाले युवकों के अंकपत्र सत्यापन में भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा था। परीक्षा नियंत्रक ने पुलिस में लिखित शिकायत दी थी । पुलिस की जांच में पता चला है कि यूनिवर्सिटी में छात्रों को फेल को पास करने वाला गिरोह विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को ठगने का काम कर रहा था। ऐसे ही एक छात्र का अंकपत्र का सत्यापन गिरोह के सदस्यों ने कराया है। अंकपत्र सत्यापन पत्र में दर्ज सूचना तो सही पाई गई, लेकिन इसे फर्जीवाड़ा करके तैयार किया गया था। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक राकेश कुमार की ओर से पुलिस को दी गई सूचना में बताया गया है कि विश्वविद्यालय परिसर स्थित छात्र सहायता प्रकोष्ठ से छात्र-छात्राओं की उपाधि, अंक पत्र माइग्रेशन एवं ट्रांसक्रिप्ट जारी की जाती है। छात्र मो. शादाब अहमद पुत्र मो इरशाद अली के नाम से 28 मई 2024 को बीसीए की मार्कशीट का सत्यापन जारी किया गया। सत्यापित मार्कशीट पर मेरे कूटरचित हस्ताक्षर किए गए है। इसके साथ ही उक्त ट्रांसक्रिप्ट पर पत्रांक रजिस्ट्रार कैंप का अंकित है, जबकि छात्र सहायता प्रकोष्ठ से निर्गत किए जाने वाले ट्रांसक्रिप्ट पर परीक्षा नियंत्रक कार्यालय का पत्रांक अंकित किया जाता है।