कानपुर। पुलिस भर्ती परीक्षा में शहर के बाहर से आए अभ्यर्थियों की आवाजाही और भारी भीड़ के चलते रेलवे और रोडवेज विभाग की ओर से की सारी व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमरा गयी। शुक्रवार और शनिवार को सम्पन्न् हुयी पुलिस परीक्षा के बाद अभ्यर्थियों को अपने घर जाने के लिए ट्रेन और बसों को ही सहारा था लेकिन भीड के आगे दोनों विभागों की ओर से जुटाए गए संसाधन कम पड गए। जिसके चलते कानपुर सेंट्रल स्टेशन और झकरकटी बस अड्डे पर लोग खिडकियों से सीट पर कब्जा करते दिखायी दिए। शुक्रवार को दोनों और शनिवार को पहली पाली की परीक्षा छूटने के बाद भीड़ शुरू होने का सिलसिला शुरू हुआ और शाम 5 से 7:30 बजे तक झकरकटी और सेंट्रल स्टेशन, अनवरगंज, पनकीधाम, गोविंदपुरी में इस कदर भीड़ पहुंची कि पूरी व्यवस्था चौपट हो गई। प्लेटफॉर्म पर खड़े होने की जगह नहीं बची। ट्रेनों में एसी कोच भी जनरल से ज्यादा भीड़ और खचाखच भर गए। यहां तक की पैर रखने की जगह नहीं बची। ट्रेनों में सिर्फ अभ्यर्थियों का कब्जा रहा। आरपीएफ औऱ जीआरपी के रिजर्व कोचों में घुसी भीड़ को देखकर पसीना छूट गया। सेंट्रल स्टेशन पर जैसे ही आगरा इंटरसिटी पहुंची तो परीक्षार्थियों की भीड़ दौड़ी। जनरल और आरक्षित कोचों में जगह न दिखी तो एसी चेयरकार कूपे की आपातकालीन खिड़की को खोल अभ्यर्थी घुस गए। यह नजारा कमोवेश झांसी इंटरसिटी, रायबरेली इंटरसिटी, टूंडला में, प्रयागराज मेमो में भी दिखा। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पीएसी, आरपीएफ-जीआरपी ने मोर्चा संभाला, लेकिन भीड़ को नियंत्रित नहीं कर सके। सेंट्रल स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ रही। आने-जाने वाली हर ट्रेन में सिर्फ अभ्यर्थियों का कब्जा रहा। क्या एसी और महिला कोच, सभी डिब्बों में सिर्फ अभ्यर्थियों का कब्जा रहा। रिजर्वेशन वाले परिवार ट्रेनों में घुस नहीं सके और उन्हें अपनी यात्रा कैंसिल करके घर लौटना पड़ा। सिटी साइड से अधिकांश भीड़ आने के कारण गेट पर ही जवान मुस्तैद रहे। स्वचलित सीढ़ी के पास भी सुरक्षा कर्मी मौजूद रहे। डिप्टी सीटीएम आशुतोष सिंह, एसीएम संतोष त्रिपाठी, आरपीएफ प्रभारी बीपी सिंह हर घंटे भीड़ की रिपोर्ट लेकर स्पेशल ट्रेनों का संचालन कराने में पसीना छूट गया। पूरी व्यवस्था चरमरा गई। सेंट्रल स्टेशन ही नहीं झकरकटी बस अड्डे पर भी इस कदर अभ्यर्थियों का रेला टूटा कि सभी व्यवस्था चौपट हो गई। सभी बसों में सिर्फ परीक्षार्थियों का कब्जा हो गया। प्रयागराज, दिल्ली, गोरखपुर समेत अन्य प्रमुख रूटों पर बसों का संचालन ठप हो गया। इतनी भीड़ रही कि बसों में भी पैर रखने की जगह नहीं मिली। देर रात तक बसों में अभ्यर्थियों की भीड़ देखने को मिली।