कानपुर। थाने में ड्यूटी के दौरान पुलिस की गाड़ी पलटने से नगर निवासी मृत महिला सिपाही शशि सिंह का शव महाराजपुर के पुरवामीर स्थित घर पहुंचा तो परिजन बिलख पड़े। मृतका की सात साल की इकलौती बेटी मम्मी-मम्मी कहते हुए शव से लिपटकर रोती रही। बुधवार शाम को शव पहुंचते ही ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। शशि पांच साल पहले पुलिस में भर्ती हुई थी। शशि सिंह की शादी 2016 में महाराजपुर के पुरवामीर निवासी किसान रामगोपाल सिंह के बड़े बेटे ज्ञान सिंह से हुई थी। शशि का मायका फतेहपुर में जाफरगंज थाने का कटरा नरैचा गांव में है। ज्ञान सिंह लखनऊ में ई-बस में परिचालक है। शशि के चचेरे देवर भीमा सिंह ने बताया कि भाभी की नौकरी 2019 में सिपाही के पद पर लगी थी। वह हरदोई के कासिमपुर थाने में तैनात थीं और अकेले ही रहती थीं। वहीं से देर शाम वापस थाने लौट रहे थे। उसी बीच रानी फूड कैफे के पास पहुंचते ही गाड़ी बेकाबू होकर तालाब में गिर पड़ी। जिसमें एसआई प्रणवीर सिंह, महिला कांस्टेबल शशि सिंह, शुभम सिंह और मनोज जीप के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने क्षेत्रीय लोगों की मदद से तत्काल उन्हें बाहर निकाल कर संडीला सीएचसी ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने महिला कांस्टेबल शशि सिंह को मृत घोषित कर दिया। वहीं एसआई प्रणवीर, कांस्टेबल शुभम सिंह और मनोज बुरी तरह से घायल है। जिनका उपचार चल रहा है। इधर, महिला कांस्टेबल की मौत की घटना की सूचना मिलते ही घर में शोक की लहर छा गई। पोस्टमार्टम के बाद शशि सिंह का शव बुधवार की शाम घर पहुंचा। जिसे देखते ही घर में कोहराम मच गया तथा पड़ोस के लोग भी इकट्ठा हो गये। सात साल की बेटी अराध्या कभी मां के शव को देखती तो कभी दादी को देखती। मृतका का अंतिम संस्कार गुरुवार को फतेहपुर के भिटौरा घाट में किया गया जिसमें पूरे गॉंव के लोग अश्रुपूरित आखों से उनको अंतिम विदायी दी। गमगीन परिजनों और गॉंव वालों की जुबान पर मासूम का रोना ही चर्चा में रहा।